कोच आपको बता सकता है, घरवाले खान-पान का ध्यान रख सकते हैं लेकिन मेहनत आपको ही करना है…देश-प्रदेश के लिए 220 पदक जीतने वाली मनीषा गुप्ता ने कहा

मनीषा गुप्ता व उनके भाई दीपक गुप्ता

विहान हिंदुस्तान न्यूज

मैं जब 9 साल की थीं तब मैं सीनियर नेशनल में हिस्सा ले लिया था। किसी भी खेल के लिए आपको समर्पित होना पड़ता है और मैंने अपना 100 प्रतिशत दिया तब जाकर मैं मैडल जीत पाई। सुबह जल्दी उठकर न सिर्फ दौड़ लगाते थे बल्कि डाइविंग की प्रैक्टिस भी करते थे। इसके बाद स्कूल जाना और शाम को कथक क्लास भी रहती थी। कभी यह लगा ही नहीं की पूरा दिन व्यस्त हैं। मेहनत करते थे तो मैडल मिलते थे…यह सारी थकान उतार देते थे।

यह कहना है म.प्र. व देश के लिए 220 मैडल जीतने वाली ख्यात गोताखोर मनीषा गुप्ता ने। राजीव गांधी चौराहे पर श्री ताराचंद दादा बालिका रेसलिंग सेंटर पर मंगलवार सुबह पहुंची मनीषा गुप्ता ने अपने जीवन के कई पहलुओं को युवा पहलवानों के समक्ष रखा। उन्होंने कहा कोच आपको कुश्ती कला के गुर ​सीखा सकते हैं और परिवार वाले आपकी खानपान पर ध्यान दे सकते हैं लेकिन मेहनत आपको ही करना होगी। विक्रम अवार्ड विजेता मनीषा गुप्ता ने कहा एक समय ऐसा भी आया जब मैं डाइविंग बोर्ड पर गिर गई थी और मुझे सिर में टांके आए थे। उस समय लगा जीवन थम जाएगा लेकिन मेरी दृढ़ इच्छा शक्ति, कोच की हौंसलाअफजाई व परिवार व साथियों के सहयोग से मैं फिर बोर्ड पर आई और मैडल जीतना जारी रखा। उन्होंने सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि अच्छे खिलाडि़यों को तब भी सरकार नौकरी देती थी और अभी भी सरकार नौकरी दे रही है जिससे आप नौकरी की चिंता न करें अपना क्षत-प्रतिशत दें। मनीषा गुप्ता के भाई व अपने समय के ख्यात पहलवान दीपक गुप्ता ने भी युवा पहलवानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा मिट्टी में अभ्यास करने से हमेशा आपकी ताकत बनी रहती है। आप सभी को रमेश मिस्त्री पहलवान जैसे योग्य कोच मिले है जिससे उनके मार्गदर्शन में आप आगे बढ़े और म.प्र. व देश के लिए मैडल लाएं। अतिथियों का परिचय कोच रमेश मिस्त्री पहलवान ने कराया। मालवी पगड़ी पहनाकर अतिथियों का स्वागत नरेश वर्मा (मुन्ना पहलवान), महेश वर्मा (बच्चू पहलवान), मुकेश वर्मा (डायरेक्टर ऋषि का ढाबा), निर्मल वर्मा, श्याम वर्मा आदि ने किया। रेसलिंग सेंटर के अध्यक्ष कमल वर्मा ने अतिथियों को गणेश बाबा समाधि के साथ सेंटर के संपूर्ण प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी।

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