घर में रोटी बना रही थीं माया नारोलिया, फोन आया और मिल गई राज्यसभा की उम्मीदवारी की खुशखबर
विहान हिंदुस्तान न्यूज
भाजपा के कब किस कर्मठ कार्यकर्ता को फोन आ जाए और उसे कोई बड़ा पद मिल जाय यह आम बात होती जा रही है। इसी सूची में म.प्र. के नर्मदापुरम (होशंगाबाद) नगर पालिका अध्यक्ष माया नारोलिया का नाम भी जुड़ गया। माया जब रोटी बना रही थीं तब उनके पास फोन आया और उन्हें राज्यसभा की उम्मीदवारी की खुशखबर मिली। माया के अलावा डॉक्टर एल. मुरुगन, उमेश नाथ महाराज, बंशीलाल गुर्जर को भी म.प्र. से राज्यसभा प्रत्याशी बनाया गया है। डॉ. मुरुगन केंद्रीय मंत्री हैं और दक्षिण से आते हैं लेकिन तीन सदस्य म.प्र. के ही हैं।
माया नरोलिया नर्मदापुरम नगर पालिका अध्यक्ष रही हैं और उसी के बाद से वे प्रदेश की राजनीति में लगातार आगे बढ़ती रही। आज सुबह जब वे रोटी बना रही थी तब उनके बेटे ने मोबाइल बजने की सूचना दी। जब माया ने फोन उठाया तो उन्हें राज्यसभा की उम्मीदवार बनाए जाने की बात पार्टी के वरिष्ठ अधिकारी ने दी। यह सुनकर माया नारोलिया की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। कुछ ही देर बाद जैसे-जैसे खबर फैलने लगी माया नारोलिया के घर उनके समर्थकों व परिवार के लोगों का आना व बधाई देना शुरू हो गया। माया के राजनीतिक कैरियर के बारे में बात करें तो वे साल 1983 से ग्राम स्तर से प्रदेश स्तर तक संगठन के अलग-अलग पदों पर रही है। प्रदेश की महिला विंग की अध्यक्ष माया ने लोकसभा, विधानसभा, नगरीय निकायों आदि चुनावों में भाजपा के लिए जमकर मेहनत की जिसका परिणाम आज उन्हें राज्यसभा में जाने की उम्मीदवारी के रूप में प्राप्त हुआ। माना जा रहा है म.प्र. की पांच सीटों में से चार पर भाजपा के प्रत्याशी आसानी से जीतकर राज्यसभा पहुंच जाएंगे। एक सीट कांग्रेस के पक्ष की है लेकिन भाजपा खेला करने के लिए हमेशा लालायित देखी जाती है।
उज्जैन से हैं योगी संत उमेश नाथ महाराज
भाजपा ने जिन योगी संत उमेश महाराज का नाम राज्यसभा के लिए प्रस्तावित किया है वे उज्जैन के वाल्मीकि धाम आश्रम के प्रमुख पीठाधीश्वर हैं। वाल्मीकि समाज से आने वाले उमेश नाथ महाराज का नाम राज्यसभा की उम्मीदवारी के लिए लाकर भाजपा ने वाल्मीकि समाज को साधने का प्रयास किया है। गृह मंत्री अमित शाह व संघ प्रमुख मोहन भागवत तक उनसे आशीर्वाद लेते दिखाई दे चुके हैं।
बंसीलाल गुर्जर मंदसौर से हैं
भाजपा ने बंसीलाल गुर्जर को भी राज्यसभा के लिए आगे किया है। मंदसौर निवासी बंसीलाल गुर्जर ने लगभग तीन दशक पहले सरपंच के पद से अपनी राजनीति की शुरुआत की थी। बाद में जनपद, जिला पंचायत और कृषि उपज मंडी के भी वे अध्यक्ष रहे हैं। किसानों को भाजपा के साथ जोड़ने में उनका योगदान सराहनीय रहा है। गुर्जर समाज में उनकी बात को काफी माना जाता है।