इंडिया टुडे-एक्सीस माय इंडिया सर्वे : म.प्र. में भाजपा को प्रचंड बहुमत, लाड़ली बहनाएं बना रही है सरकार

शिवराजसिंह चौहान

विहान हिंदुस्तान न्यूज

एक नजर में म.प्र.-

विधानसभा सीटे – 230

बहुमत के लिए चाहिए – 116

पुरुष मतदाता – 2.9 करोड़

महिला मतदाता- 2.7 करो़ड़

कुल मतदाता – 5.6 करोड़

कुल मतदान प्रतिशत – 77.16

म.प्र. में विधानसभा के जो एक्जिट पोल आए हैं उसमें कांग्रेस की सरकार बनती नजर आ रही है। 17 नवंबर को हुए मतदान में 77.16 प्रतिशत वोट डाले गए थे। चुनाव का परिणाम 3 दिसंबर को आएगा लेकिन विभिन्न टीवी चैनलों द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार म.प्र. में कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही है। इंडिया टुडे-एक्सीस माय इंडिया के सर्वे के अनुसार भाजपा को 47 प्रतिशत तो कांग्रेस को 41 प्रतिशत वोट मिले हैं। भाजपा को 140-162 सीटें मिलती दिख रही है जबकि कांग्रेस को 68-90 सीटें मिलती दिख रही है। भाजपा को लाड़ली बहनाओं का गिफ्ट मिलता दिख रहा है जो सरकार बनाती दिख रही है। यह आंकड़े सही साबित होते हैं तो शिवराजसिंह चौहान के लिए खुशी की बात होगी और वे फिर एक बार मुख्यमंत्री बन सकते हैं। उधर, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में यह सर्वे कांग्रेस को बढ़त बता रहा है।

म.प्र. में मतदान की समाप्ति के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। पिछली बार की अपेक्षा मतदान प्रतिशत बढ़ने को लेकर भाजपा जहां लाड़ली बहना के वोट को अपने लिए (भाजपा) रिटर्न गिफ्ट बता रही है वहीं कांग्रेस इस बढ़े हुए प्रतिशत को अपने पक्ष में बता रही थी। 2018 में 75.63 प्रतिशत मतदान हुआ था। कांग्रेस ने 2018 में 114 सीटें जीती थी जबकि भाजपा को 109 सीटें मिली थी। चार निर्दलीय जीते थे जबकि सपा-बसपा भी खाता खोलने में कामयाब रही थी। करीब पंद्रह महीने कांग्रेस की सरकार चली और फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने 22 विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे। म.प्र. में इस बार 29 सीट पर पुरुषों से ज्यादा महिलाएं वोटर थीं। 34 सीटों पर महिलाओं के वोट से नतीजे तय हो सकते हैं।

सर्वे के अनुसार क्षेत्रवार आंकड़े एक नजर में :-

-निमाड़ क्षेत्र में भाजपा को 48 प्रतिशत वोट मिले जो पिछली बार के मुकाबले 7 प्रतिशत बढ़त है। कांग्रेस को यहां 45 प्रतिशत वोट मिले जबकि पिछली बार उसे 41 प्रतिशत वोट मिले थे। यहां 18 सीटें है जिसमें से भाजपा को 12 सीटें मिलती दिख रही है जिसमें 6 सीटें पिछली बार की अपेक्षा ज्यादा मिलती दिख रही है। यहां कांग्रेस को 6 सीटें मिल रही है जबकि पिछले चुनाव में 10 सीटें उसे मिली थी।

-भोपाल (सिहोर-बुधनी आदि) क्षेत्र में 20 सीटें हैं। यहां कांग्रेस को 42 प्रतिशत और भाजपा को 51 प्रतिशत वोट मिलते दिख रहे हैं। यहां भाजपा को 12 सीटें मिल रही है लेकिन उसे पिछली बार की अपेक्षा 2 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है। कांग्रेस को यहां 8 सीटें मिलती दिख रही है जहां 2 सीटें कांग्रेस को ज्यादा मिलती दिख रही है। आपको बता दें भोपाल क्षेत्र में भाजपा की जीत बड़े अंतर से होती है जिससे वोट प्रतिशत भी यहां बढ़ा रहता है।

– बुंदेलखंड में 26 सीटें हैं। यहां भाजपा को 45 प्रतिशत जबकि कांग्रेस को 40 प्रतिशत वोट शेयर मिलता दिख रहा है। सर्वे में सीटों की बात करें तो भाजपा को 18 सीटें (4 सीटों का फायदा) और कांग्रेस को 8 सीटें मिल रही है। यहां कांग्रेस को 2 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है। पिछली बार यहां बीएसपी को इस क्षेत्र से एक सीट मिली थी और वह 7 प्रतिशत वोट प्रतिशत ले गई थी।

– रीवा व अन्य क्षेत्र (बघेलखंड) में कांग्रेस को 39 प्रतिशत वोट मिले जबकि भाजपा को 42 प्रतिशत वोट ​प्राप्त होना बताया जा रहा है। यहां भाजपा को 18 सीटें मिलती दिख रही है लेकिन उसे पिछली बार की अपेक्षा 6 सीटों का नुकसान हो रहा है। कांग्रेस यहां 11 सीटें लेती दिख रही है यानी 5 सीटों का फायदा हो रहा है। बीएसपी को यहां 1 सीट मिल सकती है।

– चंबल क्षेत्र में 34 सीटें हैं जहां भाजपा को 43 प्रतिशत वोट पड़ना सर्वे में आया है जबकि कांग्रेस को 40 फीसदी हिस्से में आए हैं। कांग्रेस को 19 सीटें मिल रही है जो पिछली बार की अपेक्षा 12 सीटों का फायदा मिल रहा है। कांग्रेस को 14 सीटें मिल सकती है यानी 12 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है।

-महाकौशल इलाके में 47 सीटें हैं जो मालवा क्षेत्र के बाद दूसरा बड़ा क्षेत्र है। यहां भाजपा को 32 सीटें (14 सीटों का फायदा) मिल रही है तो कांग्रेस को 15 (13 सीटों का नुकसान) सीटें मिल रही है।

-मालवा की बात करें तो इस सर्वे में 55 सीटों में से 41 सीट भाजपा को मिलती बताई जा रही है जो पिछली बार के मुकाबले 15 सीट ज्यादा है। कांग्रेस को यहां 14 सीटे ही मिलना दिखाई देती है। 2018 के चुनाव में कांग्रेस को यहां 28 सीटें मिली थी। वोट शेयर में भी भाजपा कांग्रेस के मुकाबले 10 प्रतिशत ज्यादा दिख रहा है। भाजपा को 51 प्रतिशत वोट यहां से मिलना बताएं जा रहें हैं।

You may have missed

ArabicChinese (Simplified)DutchEnglishFrenchGermanGujaratiHindiItalianMalayalamMarathiNepaliPortugueseRussianSpanishUkrainianUrdu

You cannot copy content of this page