कुश्ती में बल के साथ बुद्धि भी चाहिए है, बेटियां पदक लेकर आएं- सांसद शर्मा

नागरिक अभिनंदन के दौरान कार्तिकेय भाई शर्मा व कृष्णमुरारी मोघे

विहान हिंदुस्तान न्यूज

कुश्ती में बल तो चाहिए ही लेकिन बुद्धि की भी जरूरत होती है। आजकल की कुश्ती में बहुत बदलाव हो चुके हैं जिसे देखकर पहलवानों को आगे बढ़ना होगा। यदि आप देखेंगे हमारे देश ने आजादी के बाद से अब तक जितने मेडल हासिल किए उसमें आधे तो कुश्ती में ही है। ये भी है कि महिलाओं ने ज्यादा मेडल जीते। आपके यहां के पहलवानों को भी इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। मैं चाहता हूं आपके रेसलिंग सेंटर से भी बेटियां पदक लाएं।

यह बात राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय भाई शर्मा ने इंदौर में अपने नागरिक अभिनंदन के दौरान कहीं। पिपल्यापाला चौराहे के समीप स्थित मधुर मिलन गार्डन एंड रिसोर्ट्स पर आयोजित इस कार्यक्रम में काफी संख्या में लोग उपस्थित थे। स्वर्गीय दादा ताराचंद वर्मा गणेश बाबा समाधि मंदिर के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में सांसद कार्तिकेय भाई शर्मा ने कहा मट्टी की कुश्ती जरूरी है लेकिन मेट की कुश्ती भी बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा मैं स्वर्गीय दादा ताराचंद वर्मा बालिका सेंटर के साथ हमेशा खड़ा हूं और जहां भी मेरी मदद की जरूरत हो मैं हमेशा आगे रहूंगा। कार्यक्रम में मौजूद पूर्व सांसद व इंदौर के पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चों को खेल में हिस्सा लेना भी जरूरी है। एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि आजकल नशे की लत बच्चों ज्यादा हो रही है जिसका कारण बच्चों का खेल से दूर रहना है। मेरा मानना है कि बच्चों को किसी न किसी खेल में हिस्सा लेते रहना चाहिए जो उनके बौद्धिक विकास के लिए भी जरूरी है। कार्यक्रम में अतिथियों ने महेश वर्मा (बच्चू पहलवान) जो कि इस रेसलिंग सेंटर के उस्ताद भी है, उनका सम्मान किया। अतिथियों का स्वागत रेसलिंग सेंटर के संचालक नरेश वर्मा, सेंटर के अध्यक्ष कमल वर्मा, पदाधिकारीगण मुकेश वर्मा, कपिल हार्डिया व समाजसेवी सुशील श्रीवास्तव ने किया। रेसलिंग सेंटर की उभरती खिलाड़ी निक्की व कुक्की ने भी कार्तिकेय भाई का स्वागत किया। इन बच्चों ने नोटो का हार उन्हें पहनाया लेकिन कार्तिकेय भाई ने इस हार को निक्की के गले में पहना दिया। उन्होंने पहलवानों से प्रैक्टिस के बारे में भी जानकारी ली। कार्यक्रम में एक रोचक बात यह रही कि गोविंदा वर्मा ने कार्तिकेय भाई को 51 हजार रुपये का चांदी का मुकुट सिर पर पहनाकर स्वागत करना चाहा लेकिन कार्तिकेय भाई ने यह भेंट स्वीकार नहीं की। उन्होंने सम्मान को स्वीकार करते हुए भेंट गोविंदा को वापस कर दी। उन्होंने कहा आप लोगों के प्रेम की जरूरत है, गिफ्ट आदि न दें। आपका प्रेम ही मेरे लिए मुकुट है। संचालन रमेश मिस्त्री पहलवान ने किया तथा आभार निर्मल वर्मा ने माना।

 दाऊ-भीम ने जब मिट्टी की कुश्ती लड़ी तो यह अब कितनी जरूरी….

कार्यक्रम में रेसलिंग सेंटर की नेहा बोराडे ने सांसद कार्तिकेय भाई शर्मा से प्रश्न किया कि हमारे देश का इतिहास मट्टी की कुश्ती का ही रहा है। यदि हम हमारे धर्म ग्रंथों को भी देखें तो भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम (दाऊ), भीम सहित अनेकों-अनेक नाम पहलवानी की क्षेत्र में आए जिन्होंने मिट्टी की कुश्ती लड़ी। वर्तमान समय में मिट्टी की कुश्ती को आप किस तरह देखते हैं? इस सवाल पर सांसद कार्तिकेय भाई ने जवाब दिया कि मिट्टी की कुश्ती आज भी जरूरी है। उन्होंने कहा हमारे देश में आज भी मिट्टी की कुश्ती का महत्व है और यह आगे भी रहेगा। चूंकि ओलिंपिक सहित अन्य प्रतियोगिताएं मेट पर हो रही है जिससे उसकी भी तैयारी हमें जरूरी है। उन्होंने कहा ओलिंपिक में अब मिट्टी की कुश्ती की भी इंट्री हो रही है हालांकि यह सुमद्र किनारे वाली मिट्टी रहेगी जो हमारे यहां की मिट्टी से कुछ अलग है लेकिन हमें मेडल लाने के लिए उसपर भी मेहनत करना होगी।

आदरणीय मोघे जी से मैं सीख कर जा रहा हूं….

कार्यक्रम के अंत में मीडिया से बात करते हुए कार्तिकेय भाई ने कहा आज कृष्णमुरारी मोघे जी से मिलकर मुझे काफी अच्छा लगा। इनके रहते इंदौर स्वच्छ शहरों की गिनती में नंबर एक पर बना हुआ है। मैं आज इनसे यह सीख कर जा रहा हूं कि किस तरह से शहर को साफ व स्वच्छ बनाए रखा जा सकता है जिससे मैं अपने क्षेत्र में जाकर भी बताऊंगा। कार्तिकेय भाई ने कहा मेरा जन्म जबलपुर में हुआ है जिससे म.प्र. मेरी जन्म स्थली है और हरियाणा में कर्म स्थली है।

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