रिटारयमेंट की उम्र 62 की, तीन साल अधिक कर ली नौकरी…निकाले गए 80 लाख रुपये, अब वसूली

विहान हिंदुस्तान न्यूज

म.प्र. उच्च शिक्षा विभाग के सामने एक बड़ा मसला खड़ा हो गया जिससे आयुक्त उच्च शिक्षा कर्मवीर शर्मा भी चौंक गए थे। असल में कुछ संगीत महाविद्यालयों का प्रकरण उनके सामने आया जिसमें शिक्षकों ने अपनी सेवानिवृत्ति की आयु 65 साल होना बताकर तीन साल अतिरिक्त वेतन लेने के साथ भत्ते भी हासिल कर लिए। इन शिक्षकों के रिटायरमेंट की आयु 62 साल होती है लेकिन एक बड़ी मिलीभगत का यह नतीजा है कि सरकारी खाते से करीब 80 लाख रुपये वेतन व उसपर भत्तों के नाम से निकाल लिए गए। अब आयुक्त ने आदेश दिया है कि महाविद्यालय अध्यक्ष व प्रबंधन वर्ग से इसकी वसूली की जाए।

अशासकीय तानसेन संगीत महाविद्यालय ग्वालियर, आदर्श संगीत महाविद्यालय सागर व भातखंडे संगीत महाविद्यालय जबलपुर के अध्यक्ष, प्रबंधन वर्ग से राशि की वसूली कर शासकीय मद में जमा कराने की कार्यवाही करने के आदेश आयुक्त कर्मवीर शर्मा ने दिए हैं। असल में संगीत महाविद्यालयों को राज्य शासन से अनुदान मिलता है और इसमें कार्य करने वाला स्टॉफ स्कूली शिक्षा विभाग के टीचरों के बराबरी का दर्जा रखते हैं। आयुक्त ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि इन शिक्षकों को तृतीय वर्ग में रखा जाता है और इससे इनकी​ रिटायरमेंट की आयु 62 साल होती है।

वेतन जारी करने वाले आरोपियों पर कार्रवाई क्या…..

सवाल यह उठ रहा है कि वेतन जारी करने वाले अफसर या स्टॉफ क्या कर रहे थे। जो वेतन जारी करने की पात्रता रखता है क्या उस अधिकारी को नियम-कानून की जानकारी नहीं थी? कोषालय ने भी इसे पास कर दिया जिसके पीछे बड़ी मिलीभगत बताई जाती है। ऐसे में वेतन पास करने वालों पर क्या कार्रवाई की जाएगी इस बारे में अभी तक कोई बात सामने नहीं आई है। उच्च शिक्षा आयुक्त ने महाविद्यालय के अध्यक्ष व प्रबंधन से वसूली की बात कही तो है लेकिन वसूली हो पाएगी इसकी निश्चितता भी नहीं है। बताते हैं इस आदेश पर कुछ महाविद्यालय अध्यक्ष व प्रबंधन वर्ग न्यायालय जाने की तैयारी कर रहे हैं।

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