धरती पर नर्क के दरवाजे को बंद करने के आदेश !
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विहान हिंदुस्तान न्यूज.
तकरीबन 50 साल से जल रहे आग के कुएं को बंद किए जाने के रास्ते तलाशे जा रहे हैं। इसे धरती पर नर्क का दरवाजा कहा जाता है। यह सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र है, लेकिन अब इसे तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति ने बुझाने के तरीके खोजने के आदेश दिए हैं। बताया गया है इस देश में यहां के राष्ट्रपति की इस तरह की सनक के और भी कई उदाहरण हैं। देश की राजधानी अश्गाबात से लगभग 160 मील उत्तर में स्थित यह रेगिस्तानी गड्ढा दशकों से जल रहा है। तुर्कमेनिस्तान आने वाले पर्यटकों के लिए यह एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहा है। हालांकि तुर्कमेनिस्तान जाना इतना आसान भी नहीं है। यही वजह है कि यहां सैलानियों की संख्या काफी कम होती है। न्यूज वेबसाइट तुर्कमेनपोर्टल के मुताबिक 1971 के गैस-ड्रिलिंग की असफलता के चलते इस गड्ढे का जन्म हुआ। इसका व्यास करीब 60 मीटर और गहराई करीब 20 मीटर है। गैस को फैलने से रोकने के लिए भूवैज्ञानिकों ने आग लगा दी थी। वैज्ञानिकों को उम्मीद थी कि कुछ हफ्तों में गैस जल जलकर खत्म हो जाएगी। इसके बाद से यह आग लगातार जल रही है। यह आग इतनी ज्यादा प्रसिद्ध है कि देश के राष्ट्रपति गुरबांगुली बेर्दयमुखमेदोव को 2019 में एक ऑफ-रोड ट्रक से इसके चारों घूमते हुए देखा गया था। अब बेर्दयमुखमेदोव ने अपनी सरकार को आग बुझाने के तरीकों की तलाश करने के आदेश दिए हैं, क्योंकि यह ‘पारिस्थितिक नुकसान’ पैदा कर रही है। कहा जा रहा है कि इससे आसपास रहने वाले लोगों का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है।
तुर्कमेनिस्तान इस तरह के कई आश्चर्यों वाला देश है। देश के शासक ने अपने पसंदीदा कुत्ते की 50 फुट की ‘सोने’ की मूर्ति बनवाई है। यह मूर्ति राजधानी अश्गाबात के नए नवेले इलाके के मध्य में बनाई गई है। वर्ष 2007 से राज कर रहे गुरबांगुली बेर्दयमुखमेदोव ने 2020 में तुर्कमेन अलबी प्रजाति के इस कुत्ते की विशाल मूर्ति का अनावरण किया था। गुरबांगुली बेर्दयमुखमेदोव कुत्ते की इस प्रजाति को लंबे समय से काफी पसंद करते हैं, जो देश में ही पैदा होती है और इसे तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रीय पहचान का हिस्सा माना जाता है।