स्कूल प्रबंधन उठाए खर्चा तो मिल जाएगी एनसीसी, कई पूर्व कैडेट्स को मिलेगा रोजगार

मुनीष शर्मा, विहान हिंदुस्तान न्यूज

देश के बच्चों की इम्यूनिटी स्ट्रांग करने और उन्हें सेना की ओर आकर्षित करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने एनसीसी को लेकर कुछ छूट दी है। अब उन स्कूलों को एनसीसी मिल जाएगा जो खुद इसका खर्च उठा सकते हैं। इसके लिए सरकार ने कुछ नियम व शर्ते रखी हैं जिसे आसानी से पूरा किया जा सकता है। अब सरकार हर साल एक लाख अतिरिक्त छात्रों को स्कूली स्तर पर एनसीसी की ट्रेनिंग देगी। इससे उन पूर्व सैनिकों या एनसीसी के पूर्व कैडेट्स को रोजगार मिल सकेगा जिसे सरकार ने पात्र माना है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ को इस नियम के तहत 5600 अतिरिक्त सीटें मिलेगी।केंद्र सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी किया है जिसमें उन स्कूलों को एनसीसी के लिए प्रेरित किया गया है जो स्वयं के खर्च पर इसे शुरू करना चाहते हैं। इसके लिए उक्त स्कूल में 500 छात्रों का तो नामांकन होना ही चाहिए। स्कूल को जितनी सीट मिलती है उतने छात्रों के लिए यूनिफॉर्म से लेकर ट्रेनिंग व कैंप आदि का खर्च भी स्कूल को वहन करना होगा। स्कूल में किसी भूतपूर्व सैनिक को बतौर पीआई स्टाफ नियुक्त किया जा सकता है या फिर सी सर्टिफिकेट (बी सर्टिफिकेट से कम नहीं) पूर्व कैडेट को भी संविदा नियुक्ति दी जा सकती है। भूतपूर्व सैनिक को तीन स्कूल मिलकर भी रख सकते हैं लेकिन यह तभी संभव है जब इन तीनों स्कूलों के बीच की दूरी पांच किलोमीटर से ज्यादा न हो। जो भी स्टाफ अपाइंट करेंगे उन्हें वेतन स्कूल ही देगा। यह योजना वर्ष 2021-22 से लागू होगी और वर्ष 2022-23 में इसकी समीक्षा की जाएगी। देश के 17 राज्यों के बीच 70 हजार सीटों का वितरण किया जाएगा। 30 हजार सीटों पर राज्यों से आने वाली मांग के अनुपात के आधार पर वितरण किया जाएगा। जिन स्कूलों ने पूर्व में ही एनसीसी की मांग की है उन्हें प्राथमिकता दी जाना है। इसके अलावा स्थानीय अधिकारी को लगता है किसी क्षेत्र विशेष में एनसीसी को बढ़ावा देना है तो उसकी रिकमेंट पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

छात्रों को होगा फायदा, बढ़ सकती है स्कूल की फीस

स्कूलों में एनसीसी को बढ़ावा देने से छात्रों को काफी फायदा होना है। अभी यह देखा जा रहा है कि छात्र शारीरिक मेहनत लगभग न के बराबर कर रहे हैं जिससे उनका इम्यून सिस्टम गड़बड़ा रहा है। कोरोना महामारी के इस दौर ने हर व्यक्ति को इम्यूनिटी बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। बच्चे यदि शुरू से इस तरफ ध्यान देंगे तो उन्हें काफी फायदा होगा जो पहले की पीढ़ियों में देखने को मिला है। एनसीसी में जाने से न सिर्फ उनकी शारीरिक क्षमता बढ़ेगी बल्कि एनसीसी का भविष्य में नौकरी के दौरान भी उन्हें फायदा मिलेगा। संभव है भविष्य में सेना को जरूरत हो तो सीधे एनसीसी से छात्रों को भी चयनित किया जा सकता है। उधर, यह बात भी आ सकती है कि जिस स्कूल में स्वयं के खर्च पर एनसीसी ली जाएगी वहां फीस बढ़ाई जा सकती है। इसमें उन पालकों की आपत्ति आ सकती है जिनके बच्चे एनसीसी के लिए पात्र नहीं हैं।

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