नौ माह की प्रेग्नेंट नर्स करती रही कोरोना मरीजों की सेवा, बेटी को जन्म दिया लेकिन खुद कोरोना से चल बसी

विहान हिंदुस्तान न्यूज
छत्तीसगढ़ की वह नर्स जिसने नौ माह की प्रेग्नेंसी होते हुए भी कोरोना मरीजों का साथ नहीं छोड़ा। लगातार उनकी सेवा करती रही जबकि उसे खुद आराम की जरूरत थी। उसके कारण परिवार डिस्टर्ब न हो इसलिए अस्पताल के पास ही एक कमरा ले लिया। बेटी को जन्म दिया तो बड़ी खुश थी। जब तक बेटी के साथ रही उसे आंखों से ओझल नहीं होने दिया। लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। पिछले एक साल से जिस कोरोना से वह मरीजों को बचाती रही, वहीं कोरोना उसकी मौत का कारण बना। डिलेवरी के बाद कुछ दिन ही वे अपनी बेटी के साथ रही। अब लोग उस बच्ची की परेशानी देख रहे हैं जो मां के दूध से भी मोहताज हो गई है।
कबीरधाम जिले के ग्राम लिमो में नर्स प्रभा बंजारे रहती थी। उनकी पोस्टिंग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खैरवार खुर्द के लोरमी जिला मुगैली में थी। प्रेग्नेंट होने के बाद भी प्रभा ने मरीजों की देखभाल में दिन-रात एक कर दिए। वे काम में इतनी रम जाती थी कि उन्हें समय का भी भान नहीं रहता था। यही कारण था कि उन्होंने अस्पताल से समीप ही एक कमरा ले रखा था ताकि वे अलग रहकर मरीजों पर ध्यान दे सके। जैसे-जैसे उनकी डिलेवरी का समय पास आता गया तो परिजन व स्टाफ के सदस्य उन्हें छुट्टी लेने की सलाह देते रहे। इन लोगों का कहना था कि प्रभा को आराम की जरूरत है लेकिन प्रभा थी कि अपने मरीजों के प्रति ज्यादा ध्यान देती थी। हुआ यह कि 30 अप्रैल को जब उन्हें दर्द शुरू हुआ तब उन्हें कवर्धा के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। यहां उन्होंने बेटी को जन्म दिया। वह काफी खुश भी थी लेकिन उन्हें नहीं पता था कि डिलेवरी के साथ-साथ कोरोना उनके अंदर समा गया है। सिजेरियन आपरेशन से उन्हें डिलेवरी हुई। डिलेवरी के बाद उन्हें कई बार बुखार भी आया। जब अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर गई तब भी उन्हें बुखार आया। जब आक्सीजन लेवल कम हुआ तो उन्हें रायपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया। 21 मई की रात को उन्होंने आखिरी सांसे ली। पति भेजराज ने बताया वे अपनी ड्यूटी के प्रति काफी सजग थी। वे मरीजों पर विशेष ध्यान देती थी लेकिन अब कुछ नहीं हो सकता। अस्पताल के लोगों का कहना है प्रभा का जाना एक बहुत बड़ी क्षति है क्योंकि वह सभी का बहुत ध्यान रखती थी।

पिछले साल जून में हुई थी शादी, पहले ही कह दिया था ड्यूटी बराबर दूंगी
प्रभा बंजारे का विवाह जून 2020 में हुआ था। वे रायपुर के समीप सांकरा गांव की रहने वाली थी। शादी के तुरंत बाद ही उन्होंने अस्पताल ज्वाइन कर लिया था। बताया जाता है प्रभा ने विवाह से पहले ही अपने पति को कह दिया था कोरोनाकाल में वे ज्यादा छुट्टी नहीं लेंगी और तुरंत ही ड्यूटी ज्वाइन कर लेंगी। शादी के बाद पति ने उन्हें छुट्टी लेने के लिए कहा तो उन्होंने मना करते हुए अपनी बात याद दिला दी।

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