जब छात्रों ने घेरा तब पुलिस अधिकारी बनना तय किया, एनकाउंटर स्पेशियलिस्ट बने

कभी-कभी कोई घटना किसी को अंदर तक छू जाती है और उस समय का दुख बाद में कई खुशियां लेकर आता है बशर्ते व्यक्ति सही मेहनत करें। ऐसे ही एक एनकाउंटर स्पेशियलिस्ट की कहानी है। इनका नाम है राजेश हिंगणकर। असल में ये आईपीएस किसी समय में स्कूल में गणित पढ़ाने वाले शिक्षक हुआ करते थे। इंदौर के एक स्कूल में नौकरी की तो वहां बदमाश बच्चों से पाला पड़ा। फिर इस्लामिया करीमिया साइंस कॉलेज में इन्होंने नौकरी करना शुरू कर दी। एक बार परीक्षा के दौरान इन शिक्षक महोदय ने किसी छात्र को चिट करते हुए पकड़ लिया। जब ये शिक्षक बाहर आए तो छात्रों ने उन्हें घेर लिया। धक्का-मुक्की से आगे कहानी बढ़ती की प्राचार्य डॉ. एम.ए. फारूखी वहां आ गए। शिक्षक महोदय को बचाकर घर भिजवाया गया। इस बात का राजेश हिंगणकर महोदय पर गंभीर असर पड़ा। घर गए और दो दिन तक  इनके हलक से नीचे निवाला नहीं उतरा। तय किया कि अब बनना है तो पुलिस अफसर ही। खूब पढ़ाई की और पीएससी की परीक्षा पास की। सीएसपी के पद पर रहते हुए ये इंदौर में एनकाउंटर स्पेशियलिस्ट बने और फिर प्रमोट होकर आईपीएस बनकर सेवाएं दे रहे हैं।

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