सरकारी पदों पर नई नियुक्तियां कर दिल जीतने की फिराक में शिवराज, मांगी रिक्त पदों की जानकारी


मुनीष शर्मा, विहान हिंदुस्तान न्यूज
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के पास अगले ढाई सालों में अपना परफार्मेंस दिखाने का समय बचा है। उनके सामने कई चुनौतियां है तो मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए ‘गिफ्ट’ भी हैं। इन्हीं गिफ्ट्स में से एक है सरकारी पदों पर नियुक्तियां। सरकार के कई बड़े विभागों में काफी पद रिक्त हैं। सीएम ने इस संबंध में जानकारी मांगी है। माना जा रहा है कुछ ही महीनों में ये नियुक्तियां शुरू हो जाएगी।
राज्य सरकार को हर साल पांच प्रतिशत पदों पर भर्ती करना होती है। पिछला साल तो लगभग पूरा ही कोरोना से निपटने व सरकार के बदलने में चला गया। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गई और फिर शिवराजसिंह चौहान पुन: मुख्यमंत्री बने। कमलनाथ सरकार जब आई थी तब कामकाज समझने के दौरान वह भी भर्ती नहीं कर पाई थी। पिछले साल कोरोना से निपटने के साथ ही प्रदेश में उपचुनाव की धूम भी रही जिससे सरकारी कामकाज की गति मंद रही। ऐसे में भर्ती प्रक्रिया भी नहीं हो सकी। इस साल भी कोरोना के कारण लॉकडाउन ने सरकार के कामकाज की गति को लगभग रोक सा दिया। कई विभाग ऐसे हैं जो तीन से चार सालों से भर्ती प्रक्रिया का पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसे में कई विभागों में पद रिक्त हैं जिसपर भर्ती होना है। अब सीएम चौहान ने इन सभी विभागों से रिक्त पदों की जानकारी मांगी है जिससे यह सामने आ जाएगा कि कितने पदों पर भर्ती होना है। स्वास्थ्य व आईटी विभागों में ही अभी कुछ भर्तियां हुई है लेकिन इन दोनों विभागों में भी अभी रिक्तियां काफी है। सबकुछ ठीक रहा तो इस साल के अंत से शिवराज सरकार भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर देगी जो अगले दो सालों तक चलेगी। इसका फायदा अगले चुनाव में भाजपा उठाएगी भी ताकि फिर से सत्ता में आ जाए।
इन विभागों में हैं काफी पद
स्कूली शिक्षा विभाग में सर्वाधिक रिक्त पद देखने में आ रहे हैं। अगले एक साल में करीब चार हजार पद और रिक्त होंगे। अभी शिक्षकों की भर्ती से कुछ पद तो भरे जा रहे हैं लेकिन फिर बड़ी भर्ती होना है। उच्च शिक्षा विभाग में भी कुछ ऐसी ही स्थितियां हैं। पीडब्ल्यूडी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, पुलिस, कृषि, सहकारिता, वन विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग, ऊर्जा, महिला एवं बाल विकास विभाग, लोकल फंड आडिट, ग्रामीण यांत्रिकी विभाग आदि ऐसे विभाग हैं जहां काफी पद रिक्त हैं।
पदोन्नति में आरक्षण बड़ी चुनौती, नई भर्ती से विवाद की संभावना
शिवराजसिंह चौहान सरकार के लिए बड़ी चुनौती सरकारी कर्मचारियों के पदोन्नति में आरक्षण को लेकर है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है जिससे वर्तमान में पदोन्नतियों पर प्रतिबंध है। वैसे यह प्रतिबंध वर्ष 2016 से है। ऐसे में नई भर्तियां पुराने कर्मचारियों के गले नहीं उतरेगी। असल में वे पदोन्नति की कगार पर थे और बैन लग गया। अब नई भर्ती में उनके ऊपर जब कम उम्र का व्यक्ति बैठेगा जिस पद पर इन्हें प्रमोट होना था तो काम करने में वे असहजता महसूस करेंगे। सरकार को इन बातों का भी बहुत ध्यान रखना होगा। पदोन्नति में आरक्षण के मामले को भी अब ज्यादा लटकाया नहीं जा सकता है क्योंकि कई कर्मचारी-अधिकारी तो पदोन्नति की राह देखते-देखते रिटायर तक हो गए।

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