टेस्ट कराने से पहले कुछ खाए-पीए नहीं, रिपोर्ट निगेटिव आ सकती है

डबल म्यूटेंट को पहचान नहीं पा रही शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली जिससे केस बढ़ रहे हैं

विहान हिंदुस्तान न्यूज

भारत में कोरोना वायरस अपनी दूसरी लहर लेकर आया है जिसने पूरे देश में अफरा-तफरी मचा दी है। वर्तमान में हमारे बीच डबल म्यूटेंट घूम रहा है जो तेजी से बदलता है और यहीं कारण है कि कई लोगों की बॉडी की प्रतिरक्षा प्रणाली इस डबल म्यूटेंट को पहचान नहीं पा रही है। इससे यह संक्रमण तेजी से फैल रहा है। कोरोना को पकड़ने के लिए जो आरटीपीसीआर टेस्ट हो रहे हैं वह भरोसेमंद तो हैं लेकिन कई मामलों में हमारी या स्वाद लेने वाले की गलती से रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। विशेषज्ञों का कहना है टेस्ट कराने से पहले पानी न पीए व कुछ खाए भी नहीं क्योंकि इससे नमूने पर असर पड़ सकता है और रिपोर्ट गलत आ सकती है। कोविड-19 के मुख्य लक्षण बुखार, सर्दी, खांसी, दस्त लगना है। ऐसा होने पर आरटीपीसीआर टेस्ट को भरोसेमंद माना जाता है जिससे कोरोना का पता चलता है। यह देखने में आ रहा है कि मरीज में लक्षण होने के बावजूद टेस्ट निगेटिव आ रहे हैं। यह काफी खतरनाक साबित हो रहा है क्योंकि मरीज खुद को स्वस्थ समझकर घूमता है और दूसरों को भी संक्रमित करता है। चूंकि कोरोना की इस लहर में डबल म्यूटेंट है तो यह आसानी से पकड़ में भी नहीं आता है। डबल म्यूटेंट एक बार शरीर में घूसने के बाद तेजी से अपनी जगह बनाता है और फैल जाता है। कोरोना एक राइबो न्यूक्लिक एसिड वायरस का प्रकार है। ये एक बहुत ही संवेदनशील वायरस है। इसकी विशेषता यह है कि यह किसी भी समय प्राण खो सकता है। यदि ट्रांसपोर्टेशन के दौरान यह सामान्य तापमान के संपर्क में आता है तो यह अपनी वायटेलिटी यानि प्राण खो देता है जिससे रिपोर्ट निगेटिव आती है। कुछ मरीज ऐसे भी हैं जिनमें लक्षण नहीं है लेकिन कोरोना उनके अंदर रहता है। इस तरह के मरीज सबसे खतरनाक हैं क्योंकि ये अन्य लोगों को भी संक्रमित कर रहे हैं।रूई में आ जाता है वायरसआरटीपीसीआर टेस्ट के दौरान मरीज की नाक व गले से स्वाद लिया जाता है जिसे एक तरल पदार्थ में डाला जाता है। रूई पर लगा वायरस उस पदार्थ के साथ मिल जाता है और उसमें एक्टिव रहता है। उस नमूने को टेस्ट के लिए भेजा जाता है जिसमें यह सामने आ जाता है।

इन कारणों से रिपोर्ट आ रही निगेटिव

1. मरीज ने आरटीपीसीआर टेस्ट कराने से पहले पानी पिया हो या कुछ खाया हो जिससे वायरस पकड़ में नहीं आ पाता।

2. स्वाद लेने के दौरान कोई चूक या स्वाद लेने का गलत तरीका भी रिपोर्ट के परिणाम बदल सकते हैं।

3. वायरस को सक्रिय रखने के तरल पदार्थ की आवश्यक मात्रा में कमी होना भी रिपोर्ट निगेटिव आने का एक कारण हो सकती है।

4. स्वाद के नमूनों का अनुचित ट्रांसपोर्टेशन भी फॉल्स निगेटिव बन सकती है।

5. कभी-कभी मरीज के शरीर में वायरल लोड बहुत ही कम होता है इसलिए लक्षणों के बावजूद रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है।

6. नमूने लेने वाले भी ठीक से प्रशिक्षित नहीं होते हैं जिनके कारण रिपोर्ट गलत आ सकती है।

ये करना चाहिए

मरीज कोयदि मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आई है और उसमें कोरोना के लक्षण लग रहे हैं तो उसे पुन: आरटीपीसीआर टेस्ट कराना चाहिए। यदि फिर भी रिपोर्ट निगेटिव आए तो डॉक्टर की सलाह लेकर सीटी स्कैन कराना चाहिए। डॉक्टर लक्षण देखकर भी दवाईयां लिख सकते हैं।

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