सांवलिया सेठ के मंदिर पर दस दिन में 3.12 करोड़ रुपयों का रिकॉर्ड चढ़ावा


विहान हिंदुस्तान न्यूज
राजस्थान में स्थित सांवलिया सेठ के मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ है। लॉकडाउन के बाद 28 जून को यह मंदिर श्रृद्धालुओं के दर्शन के लिए खोला गया था। पिछले दस दिनों में सांवलिया सेठ के दर्शन करने आने वाले श्रृद्धालुओं ने चढ़ावे को लेकर रिकॉर्ड बना डाला। यहां दस दिनों में 3.12 करोड़ रुपये सिर्फ नकद के रूप में चढ़ावा आया। इसके अलावा 33 ग्राम सोना व 1370 ग्राम चांदी भी चढ़ावे के रूप में भेट की गई।
हर माह की तरह अमावस्या के एक दिन पूर्व खोले गए भंडारे से निकली राशि की गणना मंदिर परिसर में ही प्रारंभ की गई। मंदिर कर्मचारियों द्वारा गणना का नजारा आम तौर पर भक्तों के लिए बंद होता है लेकिन कितना चढ़ावा आएगा इसे लेकर सभी के लिए आकर्षण और जिज्ञासा का केंद्र भी यह मंदिर बना रहता है। प्रतिमाह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को सांवलियाजी का दानपात्र खोला जाता है और अगले दिन यानी अमावस्या को शाम को महाप्रसाद का वितरण किया जाता है। कोरोना के कारण यह मंदिर करीब तीन महीने बाद खोला गया है। 10 अप्रैल को यहां का दानपात्र खोला गया था जिसके बाद से मंदिर श्रृद्धालुओं के लिए बंद था। सिर्फ मंदिर के पुजारी व अन्य स्टाफ यहां आते थे।
खुदाई में निकली थी भगवान कृष्ण की सांवलिया स्वरूप तीन प्रतिमाएं
आपको बता दें कि श्री सांवलिया जी की तीन प्रतिमाएं खुदाई के दौरान निकली थी। इसे श्री सांवलिया जी प्राकट्य स्थल नाम से प्रसिद्धि मिली। सन 1840 में तत्कालीन मेवाड़ राज्य में उदयपुर से चित्तौड़ जाने के लिए बनने वाली कच्ची सड़क के निर्माण में ये प्रतिमाएं निकली थी। बागुन्ड गांव में बाधा बन रहे एक बबूल के वृक्ष को काटकर खोदने पर वहां से भगवान कृष्ण की सांवलिया स्वरूप तीन प्रतिमाएं निकली थी। 1978 में विशाल जनसमूह की उपस्थिति में मंदिर में ध्वजारोहण किया गया था। इस स्थल पर अब एक अत्यंत ही विशाल मंदिर बन चुका है। इस पर 36 फुट ऊंचा एक विशाल शिखर बनाया गया जिस पर फरवरी 2011 में स्वर्णजड़ित कलश व ध्वजारोहण किया गया।

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