आक्सीजन की परेशानी देखी तो प्रोफेसरों ने पैसा इकट्ठा करके दी मशीन
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फोटो- मंदसौर कलेक्टर मनोज पुष्प को चेक भेंट करते प्राचार्य व प्रोफेसर।
मुनीष शर्मा, विहान हिंदुस्तान न्यूज
प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के कई प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर व स्टाफ इन दिनों अपने जिला कलेक्टर की अलग तरह से मदद कर रहें हैं। ये लोग मिलकर पैसा इकट्ठा कर रहे हैं और कलेक्टर को आक्सीजन मशीन या फिर चेक द्वारा पेमेंट करके कोरोना वायरस से परेशान मरीजों की मदद कर रहे हैं। इसकी शुरुआत नीमच के स्वामी विवेकानंद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय से हुई जहां से दो आक्सीजन मशीन कलेक्टर को सौंपी गई। इसके बाद तो अन्य कॉलेजों ने भी ऐसी मदद देना शुरू कर दिया।
विहान हिंदुस्तान डॉटकॉम से बात करते हुए नीमच के स्वामी विवेकानंद शासकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया मुझे एक प्रोफेसर साथी ने कहा सर शहर में बहुत बीमारी फैली हुई है और आक्सीजन की परेशानी देखी जा रही है। हम लोग मिलकर पैसा इकट्ठा करके कलेक्टर को मशीन डोनेट करें तो कैसा रहेगा? प्राचार्य ने बताया मुझे प्रोफेसर की बात एक बार में जम गई। हमने एक प्रोफेसर को इस काम में लगाया जिसके पास सभी ने पैसा इकट्ठा किया। हमारे कॉलेज में स्टाफ ने मिलकर 1.10 लाख रुपये इकट्ठे कर दो मशीने कलेक्टर मयंक अग्रवाल को सौंपी। हमारे कॉलेज को देखते हुए एक कान्वेंट स्कूल के स्टाफ ने भी सहयोग किया और एक आक्सीजन मशीन कलेक्टर को सौंपी।
उधर, नीमच कॉलेज द्वारा किए गए सहयोग से उत्साहित मंदसौर के कॉलेजों ने भी कुछ ऐसा ही सहयोग करने की ठानी। राजीव गांधी शासकीय स्नात्तकोतर कालेज मंदसौर के प्राचार्य डॉ. सी.एल. खिंची ने विहान हिंदुस्तान डॉटकॉम को बताया मुझे एक प्रोफेसर ने बताया कि हम पैसा इकट्ठा करके प्रशासन की मदद कर सकते हैं। मुझे उन प्रोफेसर की बात जमी और मैंने तुरंत ही अपनी तरफ से पांच हजार रुपये दे दिए। हमें तब आश्चर्य हुआ जब तीन घंटे में ही हमने डेढ़ लाख रुपये इकट्ठे कर लिए। पहले हम किसी एक के अकाउंट में यह राशि जमा कर रहे थे लेकिन कुछ लोगों के पास डिजीटल पेमेंट करने की सुविधा नहीं थी तो उन्होंने नगद राशि दी। अगले दिन तक हम दो लाख रुपये से ज्यादा इकट्ठा कर चुके थे। हमें देखकर गर्ल्स कॉलेज के स्टाफ ने भी राशि इकट्ठा की। उन्होंने 51 हजार रुपये इकट्ठा किए। हमने कलेक्टर मनोज पुष्प से बात की तो उन्होंने चेक बनाकर देने को कहा। हमने कलेक्टर को चेक सौंप दिया है।
दूसरे शहरों में भी चली धन इकट्ठा करने की मुहिम, सरकार की नजर भी
नीमच और मंदसौर से जनसहयोग की जो बात उठी है इंदौर, भोपाल, जबलपुर, सागर आदि शहरों के अलावा गांवों में भी पहुंच रही है। यहां के स्टाफ से प्राचार्य या कोई अन्य कलेक्टर को मशीन या चेक देने के नाम पर पैसा इकट्ठा कर रहे हैं। इस तरह की सहायता से स्थानीय प्रशासन को काफी मदद भी होना है। लेकिन जहां कई लोग मदद करते हैं वहीं कुछ ऐसे शख्स भी होते हैं जो दूसरों द्वारा की जा रही मदद को भी हजम करने में संकोच नहीं करते खासकर इस विभीषिका के समय भी। मिली जानकारी के अनुसार कुछ बड़े शहरों से तो ढाई से पांच लाख रुपये तक एक कॉलेज से इकट्ठा हुए हैं लेकिन अभी तक कलेक्टर के पास न तो चेक गए और न ही मशीने। ऐसे मामलों की शिकायत सरकार के पास पहुंच गई है और संभवत जल्द ही ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी की जा सकती है।
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