वैक्सीन निर्माण की धीमी पड़ी रफ्तार, कुछ राज्यों की केंद्र से तकरार

कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों ने निर्माण में आ रही बाधाओं को देखते हुए डोज बनाने की गति धीमी कर दी है। इसके पीछे दो कारण बताए जा रहे हैं जिसमें से पहला यूरोप और अमेरिका ने वैक्सीन बनाने के लिए जरूरी कच्चे माल के निर्यात पर रोक लगा दी है जिसका असर वैक्सीन उत्पादन पर पड़ रहा है। दूसरा बड़ा कारण देश में कोरोना की बढ़ती लहर के पीछे वैक्सीनेशन भी एक बिंदु का माना जाना है हालांकि इसे लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा रही है। कुछ राज्यों का कहना है उनके यहां पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन नहीं बची है जिसके पीछे वह केंद्र सरकार को घेर रही है हालांकि केंद्र सरकार इनकी बात का खंडन कर रही है।
सीरम इंस्टिट्यूट आॅफ इंडिया की वैक्सीन कोविशिल्ड हर माह करीब 6.5 करोड़ डोज तैयार करता है। इसी तरह भारत बायोटेक की कोवैक्सीन हर माह तकरीबन 60 लाख डोज बना रही है। दोनों ही कंपनियों ने अपना उत्पादन बढ़ाने के लिए भारत सरकार से मदद मांगी है। सीरम इंस्टिट्यूट आॅफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला के मुताबिक अमेरिका और यूरोप ने वैक्सीन बनाने के लिए जरूरी कच्चे माल के निर्यात पर रोक लगा दी है इसलिए वैक्सीन के उत्पादन पर असर पड़ा है। उन्होंने एक मैक्जीन को दिए एक इंटरव्यू में कहा, यह एक ऐसी समस्या है जिससे हम पिछले कुछ समय से जूझ रहे हैं। वहीं, एस्ट्राजेनेका ने वैक्सीन सप्लाई में हो रही देरी को लेकर अपनी भारतीय सहयोगी कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट आॅफ इंडिया को लीगल नोटिस भी भेज दिया है। सीरम इंस्टिट्यूट का कहना है कि भारत सरकार के वैक्सीन के निर्यात पर रोक लगाए जाने के कारण उसे वैक्सीन ब्रिटेन भेजने में देरी हो रही है और फिलहाल वे घरेलू जरूरतों पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहता है।
यदि हम वैक्सीन के कम मात्रा में भेजने की बात करें तो उसके पीछे एक कारण कोरोना की दूसरी लहर का आना भी है। यह बात आ रही है कि वैक्सीन लगवाने वालों को भी कोरोना वायरस घेर रहा है लेकिन कुछ लोग कहते हैं वैक्सीन लगाने पर तो कोरोना आ ही रहा है। मतलब यह है कि यदि दस लोग कोरोना वैक्सीन लगाएंगे तो इनमें से कुछ लोगों को कोरोना तो होगा ही क्योंकि वैक्सीन में मरा हुआ कोरोना ही डाला जाता है जो एंटीबॉडी बनाता है। इन लोगों का तर्क यह है कि कोरोना कभी मर नहीं सकता जिससे वह बॉडी में जाकर अपना मूर्त रूप ले लेता है और यहीं कारण है कि वैक्सीन लगवाने वाले ज्यादा लोग पॉजीटिव हो रहे हैं।
महाराष्ट्र, हरियाणा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, उड़ीसा और आंध्रप्रदेश ने केंद्र सरकार से कहा है कि उनके यहां वैक्सीन कम पड़ रही है जिससे इन राज्यों ने और वैक्सीन भेजने की बात कही है। इन राज्यों का कहना है उन्हें जितनी मात्रा में वैक्सीन मिलना चाहिए थी उतनी नहीं दी गई है। उधर, केंद्र सरकार का कहना है सभी राज्यों को पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन दी गई है इसलिए फिलहाल इन राज्यों का यह कहना गलत है कि उन्हें वैक्सीन कम मात्रा में दी गई है।

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