पुरानी पेंशन स्कीम नए कर्मचारियों को मिले….केंद्र सरकार का बड़ा कदम
विहान हिंदुस्तान न्यूज
पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को फिर से बहाल करने के लिए पूरे देश में जोरशोर से मांग उठ रही है। इस मांग का इतना असर है कि भाजपा को हिमाचल प्रदेश तक खोना पड़ गया। अब कर्नाटक, म.प्र., राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों और अगले साल लोकसभा के चुनाव में पार्टी को उतरना है। यही कुछ देखते हुए नरेंद्र मोदी सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने नई पेंशन स्कीम (NPS) के रिव्यू के लिए कमेटी गठित की है। कमेटी सरकार को सुझाव देगी कि उसके लिए और कर्मचारियों के लिए क्या बेहतर है। वैसे माना जा रहा है सरकार को पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने के लिए कड़ा कदम उठाना पड़ेगा हालांकि इससे वित्तीय भार काफी ज्यादा होगा लेकिन मोदी सरकार सत्ता से बाहर होने से भी बच जाएगी।
पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने के लिए कांग्रेस शासित राज्यों ने बड़ा कदम उठाया है। राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड के साथ ही हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाने पर कांग्रेस ने वहां भी इस योजना को स्वीकृति दे दी है। पंजाब राज्य के कर्मचारी भी पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ उठा रहे हैं। भाजपा शासित राज्यों में पुरानी पेंशन को लेकर नए कर्मचारी काफी हल्ला कर रहे हैं लेकिन किसी भी राज्य ने अभी तक इस तरफ कदम नहीं बढ़ाया है। बताया जा रहा है कि कर्नाटक और म.प्र. दोनों ही राज्यों में फिलहाल भाजपा की सरकार है लेकिन अगले चुनाव में पार्टी को विपक्ष से काफी कश्मकशभरा चुनाव लड़ना है जिससे नए कर्मचारी सरकार बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। राजस्थान व छत्तीसगढ़ में तो कांग्रेस की सरकार है जिससे वहां वापस सत्ता में आने के लिए भी भाजपा को संघर्ष करना होगा। साथ ही अगले साल मई माह तक लोकसभा के चुनाव भी होना है जिससे भाजपा को फिर से सत्ता में लौटने के लिए नए कर्मचारियों को संभालना अति महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कुल मिलाकर हर राज्य या लोकसभा चुनाव में नए कर्मचारियों जिनकी नियुक्ति 2005 से हुई है काफी महत्वपूर्ण वोटर बन गए हैं। हर कर्मचारी के साथ उसका परिवार भी वोटर है जिससे ये परिवार चुनाव के रंग को बदलने की ताकत भी रखता है। वैसे भी केंद्र या राज्यों की सरकारों में नए कर्मचारियों का प्रतिशत पुराने कर्मचारियों की अपेक्षा बराबर है या बढ़ गया है।