अफगान लड़ाके पाकिस्तान में घुसे, ग्वादर बंदरगाह पर चल रही जबरदस्त लड़ाई

विहान हिंदुस्तान न्यूज

पाकिस्तान के खिलाफ अफगानिस्तान ने जबरदस्त जंग छेड़ दी है। उसने पाकिस्तान की एयरस्ट्राइक के जवाब में जहां सीमा पर जबरदस्त गोलीबारी शुरू कर दी है वहीं उसके कुछ लड़ाके पाकिस्तान के बलूचिस्तान में पहुंच गए। यहां अफगान के तालिबना लड़ाकों ने ग्वादर बंदरगाह पर हमला किया है हालांकि पाकिस्तान इसे आतंकी हमला बता कर 8 को मारने की बात भी कर रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार ग्वादर बंदरगाह में तालिबान के लड़ाकों ने घुसकर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थी। यहां चीनी नागरिकों का एक बड़ा वर्ग काम कर रहा था। पाकिस्तान के सैनिकों ने इस हमले का विरोध किया और जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी। खबर लिखे जाने तक दोनों तरफ से लगातार गोलीबारी जारी है। तालिबान के लड़ाके सुरक्षा घेरा तोड़कर अंदर पहुंचे जिससे पाकिस्तान की तरफ से भी कुछ मौते होना बताई जा रही है। फिलहाल दोनों तरफ से गोलीबारी चलने से हताहतों की जानकारी का खुलासा नहीं हुआ है। तालिबान के पाकिस्तान स्थित हमलावरों ने ग्वादर बंदरगाह को इसलिए चुना क्योंकि यहां चीनी इंजीनियर व्यापक निर्माण कार्य में लगे हुए हैं। यह बंदरगाह महत्वकांक्षी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का हिस्सा है जो बीजिंग के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का केंद्रबिंदु है। यहां बड़ी संख्या में चीनी कर्मचारी भी काम कर रहे हैं। चीनी ठिकानों पर पहले भी पाकिस्तान में कई सशस्त्र समूहों द्वारा हमले किए जा चुके हैं। अगस्त 2023 में कुछ बंदूकधारियों ने ग्वादर में चीनी श्रमिकों के एक काफिले पर हमला किया था। उस समय बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। असल में बलूचिस्तान के नागरिक अपने राज्य को पाकिस्तान से अलग करना चाहते हैं। उनका कहना है पाकिस्तान ने धोखे से उनके देश पर कब्जा कर लिया जबकि यह स्वतंत्र देश होना चाहिए था।

पा​किस्तान की युवतियों को उठाकर ले जाते हैं चीनी

पाकिस्तान में चीनी नागरिकों का इसलिए भी विरोध हो रहा है क्योंकि चीनी लोग उनकी बेटियों को उठाकर ले जाते हैं जिसमें पाकिस्तान की सेना भी उनकी मदद करती है। बताते हैं इसके लिए सेना के अधिकारी चीन से पैसा लेते हैं। ये चीनी अपने देश में इन पाकिस्तानी लड़कियों को हरम में रखते हैं। इस हरम में चीनी सेना के वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा जाता है जो इन पाकिस्तानी लड़कियों से बच्चे पैदा कर रहे हैं। असल में चीन की स्थिति यह है कि यहां चीनी युगल बच्चे पैदा नहीं करना चाहता। इतने साल तक एक बच्चे की पॉलिसी रखने से चीन में अब बुजुर्ग ज्यादा हो गए हैं और युवा कम। इससे सेना सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही है। इसी का तोड़ निकालते हुए चीन ने बलूचिस्तान और खैबरपख्तूनख्वा की युवतियों को अपने देश में ले जाकर उनसे बच्चे पैदा करने की योजना बनाई है। बाद में ये बच्चे चीनी सेना के होंगे यानी इनकी मौत पर किसी को पैसा नहीं देना होगा। शुरू से ही चीनी सेना के रहने से इन्हें कहीं भी ड्यूटी पर भेजा जा सकता है। चीन ने 18 साल बाद की योजना को अभी से मूर्त रूप देना शुरू किया है। इस बात से ही पाकिस्तान में चीन का विरोध हो रहा है।

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