पाकिस्तान में कोरोना की वैक्सीन 12000 रुपये की
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पाकिस्तान में कोरोना की वैक्सीन का मूल्य सुनकर आप शायद चौंक जाएंगे। वहां 12000 रुपये में रूस में बनी स्पूतनीक वैक्सीन के दो डोज लग रहे हैं। चूंकि यह बाजार में खुले रूप से बेची जा रही है इसलिए उम्र का बंधन भी नहीं है मसलन किसी भी उम्र का व्यक्ति आकर इसे लगवा सकता है। पाकिस्तान में चीन में बनी वैक्सीन भी उपलब्ध है लेकिन इसे वहां के लोग ज्यादा पसंद नहीं कर रहे हैं क्योंकि चीनी आयटम वहां नकली ज्यादा माना जाता है।
अप्रैल के पहले सप्ताह में रूसी वैक्सीन पाकिस्तान पहुंची। इस वैक्सीन को लगवाने के लिए टीकाकरण केंद्रों पर भारी भीड़ देखी गई लेकिन यह वैक्सीन उन्हीं को लगाई गई जिसने इसका भुगतान किया। कई केंद्र तो ऐसे थे कि कुछ ही देर में उनकी सारी वैक्सीन बुक हो गई। अधिकांश वैक्सीन इस्लामाबाद और कराची में ही आई थी। बात यह आती है कि इतनी महंगी वैक्सीन क्यों? इसपर स्पूतनिक शाट्स वैक्सीन की निजी रूप से आपूर्ति करने वाली दवा कंपनी एजीपी के सीईओं नुसरत मुंशी का कहना है वैक्सीन को लाने की प्रक्रिया से लेकर उसके सुरक्षित रखने की व्यवस्था पर काफी खर्च हो जाता है जिससे वैक्सीन महंगी है। मुंशी का कहना है कई अतिरिक्त शुल्क भी इस वैक्सीन के खर्च में जुड़ गए हैं जैसे अंतरराष्ट्रीय शिपिंग की लागत, सरकारी टैक्स, सीमा शुल्क, गोदाम लागत, वैक्सीन को 18 डिग्री सेल्सियस पर रखने की व्यवस्था आदि पर पैसा खर्च हो रहा है।
आपको बता दें पाकिस्तान में कोरोना की तीसरी लहर चल रही है। अभी तक वहां 7.21 लाख लोग कोरोना पॉजीटिव आए थे जिनमें से पंद्रह हजार की मौत हो गई थी। वैसे मौत का आंकड़ा कहीं ज्यादा है क्योंकि कई मौतें तो रिकॉर्ड में नहीं लिए जाने की बात भी समय-समय पर उठती रही है। पाकिस्तान में कोरोना वैक्सीन की कमी और यहां से अच्छा पैसा कमाने की चाहत में रूस और चीन दोनों ही देश काफी मेहनत कर रहे हैं। इनकी निगाह पाकिस्तान के बाजार पर है। रूस ने अप्रैल में ही पाकिस्तान में स्पूतनिक की डेढ़ लाख खुराक देने की बात कही है लेकिन उसने यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह ये खुराकें दान में देगा या इसका पैसा वसूलेगा। वैक्सीन डेवलपर्स के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार से चार गुना कीमत पर ये टीके बेचे जा रहे हैं। पाकिस्तान ब्यूरो आॅफ स्टेटिस्टिक्स के अनुसार वैक्सीन पर खर्च की जाने वाली राशि पाकिस्तान में घरेलू आय का लगभग 30 प्रतिशत है। पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व प्रमुख डॉ. टीपू सुल्तान कहते हैं वैक्सीन की बिक्री अनैतिक है और समुदाय पर इसका बुरा असर हो रहा है। ये वैक्सीन सिर्फ अमीरों के लिए ही है क्योंकि वे ही इसे खरीद पा रहे हैं।