शनि व शुक्र का योग जनता को राहत व नई उम्मीदों का तोहफा देगा
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पंडित राजेश चौबे (विहान हिंदुस्तान न्यूज)
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प्रमुख बिंदु :
- 5 दिसंबर – मंगल वृश्चिक राशि में आएंगे।
- 8 दिसंबर – शुक्र मकर राशि में पहुंचेंगे।
- 16 दिसंबर – सूर्य धनु राशि में आएंगे।
गुरु के राशि परिवर्तन (21 नवंबर) के बाद 5 दिसंबर को मंगल के राशि परिवर्तन से शनि व मंगल का जो दृष्टि संबंध बनकर प्रकृति को असंतुलित कर रहा था वह समाप्त हो जाएगा। 5 दिसंबर से वृश्चिक राशि में सूर्य व मंगल 11 दिन साथ रहेंगे तथा 8 दिसंबर से शनि व शुक्र भी मकर राशि में साथ आएंगे। वृश्चिक राशि में पहुंचकर मंगल सीधे अपनी सप्तम दृष्टि से वृषभ स्थित राहु को नियंत्रित करने का प्रयास करेंगे। इन सभी योगा-योगों का जो व्यवहारिक जीवन पर प्रभाव होगा उसे इस प्रकार हम देखेंगे।
- गुरु व शनि के अलग-अलग राशियों में आ जाने से प्रकृति के साथ ही हर व्यक्ति की उदिग्नता, परेशानी, चिंता व रूकावटें कम होंगी। विश्व पुन: एक बार विस्तार की ओर लौटेगा।
- महामारी पर भी विराम का धीरे-धीरे अंकुश और बढ़ेगा।
- राष्ट्र तरक्की की ओर बढ़ेंगे। व्यापार-व्यवसाय सुधार की ओर बढ़ेते दिखेंगे। बेरोजगारी व मंदी से भारत के साथ ही विश्व भी उबरेगा।
- 5 दिसंबर के उपरांत किसान आंदोलन की तीव्रता भी कम होगी। उसकी ताकत में कमी आएगी। किसान बॉर्डर से घर की ओर लौट सकते हैं।
- शनि व मंगल का 5 दिसंबर से दृष्टि संबंध खत्म होने से पेट्रोल-डीजल, गैस व खाने के तेलों के दाम और कम होंगे। महंगाई की मार शिथिल पड़ेगी। सब्जियां, दालें मंदी की ओर बढ़ेगी।
- कोरोना महामारी को लेकर देश में बेहद सख्ती का वातावरण बन सकता है। वैक्सीनेशन अनिवार्य रूप से करवाना ही होगा।
- 5 दिसंबर बाद भाजपा पूरी तरह उत्तरप्रदेश चुनावी समर में कूदेगी।
- केंद्र सरकार द्वारा 5 से 15 दिसंबर के बीच कुछ बड़ी घोषणाएं की जा सकती है।
- ठंड की चाल 15 दिसंबर बाद अपनी ठंडक का प्रभाव संपूर्ण उत्तर भारत पर दिखाएगी।
- शनि व शुक्र का योग जनता को राहत व नई उम्मीदों का तोहफा देगा।
- सूर्य के धनु राशि में आने पर धार्मिक गतिविधियां बढ़ेगी।
कुल मिलाकर यह माह तनाव मुक्तता की राह प्रशस्त करेगा। लोगों में उत्साह व उत्सुकता बढ़ेगी। टूरिज्म की गतिविधियां बढ़ पाएगी व जीवन का खोया उत्साह धीरे-धीरे पुन: लोगों के जीवन में लौटेगा।