कूटरचित दस्तावेज से प्लॉट पर कब्जा चाह रहे थे, पुलिस ने भी मामला टाला…लेकिन न्यायालय ने दर्ज किया धोखाधड़ी का प्रकरण
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विहान हिंदुस्तान न्यूज
कूटरचित दस्तावेज बनाकर संपत्ति की खरीदी-बिक्री के कई मामले सामने आते हैं जिसमें कई बार तो पुलिस प्रकरण दर्ज कर लेती है लेकिन कुछ मामलों को वह टाल भी देती है। ऐसे मामले जब न्यायालय पहुंचते हैं और वह सही पाए जाते हैं तो वहां से भी प्रकरण दर्ज करने की कार्रवाई हो जाती है।
ऐसा ही मामला द्वारकापुरी थाने में आने वाले चित्रकूटनगर का है जहां एक परिवार ने एकसाथ तीन प्लॉट्स के कूटरचित दस्तावेज बनाकर कब्जा करना चाहा। जब यह जानकारी कॉलोनी के ही कुछ लोगों को पता चली तो उन्होंने 9 फरवरी 2022 को थाने में शिकायत की। द्वारकापुरी थाने ने धारा-145 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया यानी एक प्लॉट पर दो लोगों का दावा होने पर क्षेत्रीय एसडीएम को मामला भेज दिया। हालांकि एसडीएम के यहां से प्रकरण खारिज कर दिया गया। परिवादी रानू पंवार व कमलाबाई ने जब न्यायालय की शरण ली तो मामला न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी इंदौर श्रीमती प्रीति प्रसाद के पास पहुंचा। मजिस्ट्रेट ने सारे तथ्यों को देखने के बाद अभियुक्तगण रमेश चौहान, हेमंत चौहान, भावना व माला के खिलाफ भादवि की धारा-420 के तहत अपराध पंजीबद्ध करने के आदेश दिए। यह आदेश 10 जनवरी 2024 को किया गया। इस मामले में विहान हिंदुस्तान डॉटकॉम ने जब आरोपी हेमंत चौहान, निवासी विदुरनगर से बात की तो उनका कहना था मुझे इस प्रकरण दर्ज होने के मामले में जानकारी नहीं है। जो प्लॉट हमने बताए है वह हमारे पिता ने खरीदे थे।