अब सभी के हुए होमगार्ड निजी सिक्युरिटी गार्ड्स कंपनियों की होगी आफत….
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राज्य सरकार ने निजी सिक्युरिटी गाडर््स कंपनियों पर शिकंजा कसने की शुरुआत कर दी है। हालांकि सरकार ने सीधे इन कंपनियों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ली है लेकिन इनके कार्यक्षेत्र में अब होमगाडर््स को उतारने की उसने तैयारी कर ली है। पहले चरण में सरकार ने होमगाडर््स को जिला प्रशासन व पुलिस के साथ अन्य विभागों में पदस्थ करने की छूट दे दी है। जिस विभाग में ये होमगाडर््स पदस्थ होंगे तो संबंधित विभाग को इन होमगाडर््स को देय भत्ते में १50 प्रतिशत राशि का भुगतान भी करना होगा जब तक वह सेवा ले रहा है तब तक।
अभी तक कई सरकारी विभागों में भी निजी कंपनियों के सिक्युरिटी गाडर््स की तैनाती होती है। कुछ अफसरों या रसूखदारों ने तो अघोषित रूप से खुद की ही सिक्युरिटी कंपनी खोल रखी है और जरूरत नहीं होने पर भी वे गाडर््स तैनात करके सरकार से पैसा वसूलते हैं। अब सरकार ने जो नीति अपनाई है उसके तहत होमगाडर््स की नियुक्ति मांग के अनुसार अन्य विभागों में भी हो सकेगी। अभी तक जिला प्रशासन व पुलिस ही इनकी सेवाएं लेती थी। जिला प्रशासन में अफसरों के अर्दली बनकर ये रहते हैं तो पुलिस इनकी सेवाएं विशेष रूप से दंगों या किसी विशिष्ट अतिथि के आने पर लेती है। अब अन्य विभागों में इनकी पदस्थापना से होमगाडर््स की भर्तियां भी होगी। इनकी भर्तियों से लाभ यह होगा कि सरकार के खुद के ही कर्मचारी सेवाएं देंगे। अब तक निजी सिक्युरिटी गाडर््स कंपनियों की सेवाएं ली जाती थी जिससे कई बार विवाद की स्थिति भी बनती थी। असल में कुछ निजी कंपनियां अपने यहां गाडर््स कम रखती है और काम ज्यादा ले लेती है जिससे वह अपने गाडर््स को कभी-कभी तो 24 घंटे तक छोड़ती ही नहीं है। ऐसे में उक्त गार्ड के स्वास्थ्य पर असर होता है। गाडर््स इसलिए शिकायत नहीं कर पाते क्योंकि उनकी नौकरी खतरे में आ जाती है। कई सिक्युरिटी कंपनियां तो गाडर््स का पीएफ तक नहीं जमा कराती। ये कंपनियां विभागों से तो ज्यादा राशि वसूलती है लेकिन अपने गार्ड को कम पेय करती है।
सेवा के दौरान घायल होने या मौत होने पर विभाग देगा क्षतिपूर्ति
राज्य शासन ने अपने आदेश में यह स्पष्ट कर दिया है कि जिस विभाग में होमगाडर््स पदस्थ होंगे उस विभाग को किसी गार्ड के घायल होने या मृत्यु होने पर क्षतिपूर्ति उठाना होगी। होमगाडर््स के लिए केंद्रीय कल्याण कोष भी बनाया गया है जिसमें विभागों से मिलने वाली राशि का दस प्रतिशत जमा किया जाएगा। कल्याण कोष से भी गाडर््स या उनके परिवार को मदद दी जाएगी।