सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन दिए जाने संबंधी बैठक कल शाम पांच बजे होगी
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विहान हिंदुस्तान न्यूज.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा पदोन्नति में आरक्षण का फैसला दिए जाने के बाद अब मध्यप्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों को प्रमोशन देने की तैयारी कर रही है। प्रमोशन कैसे दिए जाए और उसका आधार क्या होगा यह सरकार के सामने बड़ी समस्या है। इन्हीं समस्याओं को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा बनाई मंत्री समूह की टीम बैठक कर रही है, जिसमें प्रमोशन की गाइड लाइन तय हो सकती है। यह बैठक बुधवार को सुबह 11 बजे तय की गई थी, लेकिन अपरिहार्य कारणों से यह नहीं हो सकी है। अब यह 3 फरवरी गुरुवार को सायंकाल पांच बजे आयोजित की गई है। मप्र के शासकीय सेवकों को उनके सेवाकाल में पात्रतानुसार पदोन्नति के अवसर उपलब्ध कराने के संबंध में भविष्य की रणनीति के निर्धारण के लिए यह मंत्री समूह बैठेगा। बैठक गृह मंत्री व मंत्री समूह के अध्यक्ष नरोत्तम मिश्र की अध्यक्षता में वल्लभ भवन एनेक्सी-2 स्थित प्रतिकक्ष क्रमांक 304-बी में होगी। बैठक में नरोत्तम मिश्र के अलावा जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, वन मंत्री विजय शाह, सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया, स्कूली शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार मौजूद रहेंगे। मध्यप्रदेश सरकार के कर्मचारियों को अप्रैल 2016 से प्रमोशन का लाभ नहीं मिल रहा है क्योंकि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति को दिए जाने वाले पदोन्नति में आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट में मामला सुना जाता रहा। अब सुप्रीम कोर्ट ने कुछ गाइड लाइन के आधार पर मामला राज्य सरकारों को भेज दिया है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने नरोत्तम मिश्र के नेतृत्व में पांच मंत्रियों की एक कमेटी बनाई है जो प्रमोशन के मामलों को देखेगी। राज्य सरकार के लिए यह प्रमोशन दिए जाने काफी चुनौतीभरे होंगे, क्योंकि अब सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी काफी बढ़ने लगी है। हजारों कर्मचारी तो बगैर प्रमोशन प्राप्त किए ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जिन्हें सही पेंशन का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में सरकार बिना विवाद में आए प्रमोशन दिए जाने की चाहत रख रही है, हालांकि यह समय ही बताएगा कि सरकार की प्रमोशन की गाइड लाइन से कर्मचारी संतुष्ट होंगे या नहीं।