तीन संतान होने पर म.प्र. की शिक्षिका की नौकरी चली गई, अब कई अन्य निशाने पर हैं

विहान हिंदुस्तान न्यूज

म.प्र. में इन दिनों एक नया फितुर शुरू हो गया है जो फिलहाल स्कूली शिक्षा विभाग में है। फितुर यह है कि तीन बच्चों के उन माता-पिता को ढूंढ़ा जा रहा है जो सरकारी नौकरी में हैं और उनकी तीन संताने हैं। असल में म.प्र. की एक शिक्षिका रहमत बानो मंसूरी को तीन संतान होने पर 7 जून 2023 को पद से हटा दिया गया जिसके पीछे कारण म.प्र. सिविल सेवा, 1961 नियम 6 है। नियम के तहत 26 जनवरी 2001 के बाद यदि किसी कर्मचारी को तीसरी संतान होती है तो उसकी सेवा समाप्ति का प्रावधान है। अब रहमत बानो मंसूरी हाईकोर्ट तो पहुंची है साथ ही वे उनके ब्लॉक के 34 शिक्षकों की सूची भी लगा रही है जिनके तीन बच्चे हैं और वे भी इस नियम के तहत आते हैं। यह तो स्कूली शिक्षा विभाग का मामला है लेकिन इस नियम के तहत कई अन्य विभागों में भी कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है। एक महत्वपूर्ण बात यह है कि रहमत बानो की शिकायत साल 2020 में म.प्र. शिक्षक कांग्रेस ने की थी यानी अब इस संगठन को अन्य मामलों में भी एक ही रूख अख्तियार करना होगा।

रहमत बानो मंसूरी शासकीय माध्यमिक विद्यालय बीजा नगरी में माध्यमिक शिक्षिका के पद पर पदस्थ थी। वैसे रहमत बानो को तीसरी संतान तो साल 2009 में ही हो गई थी लेकिन इसकी शिकायत 2020 में की गई थी। रहमत बानो केमेस्ट्री की टीचर हैं। उनका पहला बच्चा साल 2000 में बेटी के रूप में हुआ। 2006 में बेटा हुआ और फिर 2009 में उन्होंने बेटे को जन्म दिया। रहमत बानो ने मीडिया को बताया कि उन्हें नियम पता था। उनका कहना है तीसरा बच्चा जब गर्भ में आया तब काफी समय बाद उन्हें पता चला जिससे डॉक्टर ने गर्भपात कराने से इंकार कर दिया था। रहमत बानो के पति सईद अहमद मंसूरी एक मदरसे में शिक्षक है जिन्हें लगभग 5000 रुपये वेतन मिलता है।  चूंकि रहमत बानो प्रकरण सामने है जिसे आधार बनाकर अन्य विभागों में भी इस तरह के शिकायत के मामले शुरू हो रहे हैं। बताया जाता है स्कूली शिक्षा विभाग में ही 900 से ज्यादा प्रकरण सामने आए हैं जिन्हें इस नियम के तहत हटाया जा सकता है। चूंकि मामला न्यायालय में पहुंचेगा तो वहां नियम व पूर्व में सरकार द्वारा की गई कार्रवाई को विशेष महत्व दिया जाएगा। ऐसे में कई कर्मचारियों-अधिकारियों की सेवा समाप्ति की कार्यवाही हो सकती है।

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