राहुल की हत्या के बाद कश्मीरी पंडितों में आक्रोश, पत्नी बोली मेरे पति के हत्यारों को घसीट-घसीटकर मारना, आज एक और हत्या
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विहान हिंदुस्तान न्यूज
द कश्मीर फाइल्स देखकर नारेबाजी करने वालों से आज कश्मीरी पंडित मदद मांग रहे हैं। उनकी गुहार है कि सरकार हमारी सुन नहीं रही है, भारत देश की जनता तो हमारी पीड़ा सुने। गुरुवार को बड़गाम में कश्मरी पंडित राहुल भट की आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी जिनका आज अंतिम संस्कार किया गया। राहुल के शव को देखकर उसके परिवार के लोग काफी व्यथित थे। पत्नी के रो-रो कर बुरे हाल थे। वे चिल्ला-चिल्लाकर कह रही थी मेरे पति के हत्यारों को घसीट-घसीटकर मारना। उधर, शुक्रवार को आतंकवादियों ने फिर एक हत्या कर दी। यह हत्या एसपीओ रियाज अहमद ठाकोर की की गई जिन्हें आतंकवादियों ने गोली मारी।
35 साल के राहुल भट राजस्व विभाग के कर्मचारी थे। उनकी पांच साल की बेटी है जिसे समझ ही नहीं आ रहा है कि उसके पिता अब नहीं रहे हैं। वह घरवालों के बीच बैठकर अपने पिता के शव को बार-बार देखती रही। राहुल की मां के भी कुछ ऐसे ही हाल देखे गए। वे कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं। पिता का कहना है अब जब बेटा ही नहीं रहा तो हमारे लिए क्या बचा है। जब आतंकवादी उसके ऑफिस में पहुंचे तब वहां चार कर्मचारी और मौजूद थे लेकिन किसी ने बचाने की कोशिश तक नहीं की। आतंकवादियों ने ऑफिस में घुसकर पूछा कि राहुल कौन है तो मेरे बेटे ने भी सामान्य रूप से उन्हें बताया मैं हूं। बस इसके बाद उन्होंने पिस्टल से राहुल को निशाना बना लिया। राहुल की पत्नी का कहना है करीब 20 मिनट पहले मेरी राहुल से बात हुई थी। जब वापस फोन आया तो मुझे एहसास हुआ कि कुछ बुरा हुआ है। मुझे बताया गया कंधे पर गोली लगी। मैंने तब सोचा चलों जान तो बच जाएगी कम से कम वो हमारे साथ तो रहेंगे। ..लेकिन जब मौत की खबर लगी तो मेरे जीवन में अंधेरा छा गया।
कश्मीरी पंडित कर्मचारी संगठन की मांग
राहुल भट की हत्या के बाद घाटी में अलग-अलग जगहों पर कश्मीरी पंडितों ने प्रदर्शन किया। स्थानीय प्रशासन पर कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा में लगातार हो रही चूक को लेकर पंडितों में गुस्सा है। पंडितों का कहना है हमें न्याय चाहिए। अनंतनाग में कश्मीरी पंडित कर्मचारी एसोसिएशन के सदस्यों ने चडूरा तहसील ऑफिस कर्मचारी राहुल भट की हत्या पर न्याय की मांग की। बडगाम के शेखपुरा में कश्मीर पंडितों ने कहा कि प्रशासन हमें सुरक्षा मुहैया कराए नहीं तो हम सामूहिक रूप से अपने पदों से इस्तीफा दे देंगे।
फिल्म का पैसा बटोरकर चले गए विवेक अग्निहोत्री..
द कश्मीर फाइल्स फिल्म बनाकर विवेक अग्निहोत्री ने देशभर में काफी दाद बटोरी। इस फिल्म से उन्हें तगड़ा मुनाफा भी हुआ लेकिन कश्मीर में फिर जो आग भड़क रही है उसमें उनकी फिल्म की बड़ी भूमिका है। इस फिल्म के चलते कुछ आतंकी संगठनों ने फिर से पंडितों को टारगेट करना शुरू कर दिया। फिल्म के पहले पंडित कम टारगेट पर रहे यानि पिछले पांच सालों के आंकड़े देखें तो समझा जा सकता है। द कश्मीर फाइल्स फिल्म के बाद न सिर्फ हत्याएं बढ़ी बल्कि बड़गाम जैसे क्षेत्र में पंडितों की वापसी को लेकर पोस्टर तक लग गए। कश्मीरी पंडित इसलिए इस फिल्म के दर्शकों से अपील कर रहे हैं क्योंकि वे मौके पर आकर देखें कि उनके साथ अब क्या परिस्थितियां बन गई है। जो सरकारी कर्मचारी है वे कश्मीर छोड़कर भी नहीं जा सकते और मुख्य बिंदु तो यह है कि अपना घर छोड़कर कोई क्यों जाए?