लाउडस्पीकर के विवाद में प्रकट हुए बाल ठाकरे, वीडियो में कह रहे हैं उनकी सरकार आएगी तब लाउडस्पीकर…
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विहान हिंदुस्तान न्यूज
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे के बीच लाउडस्पीकर वार काफी आगे बढ़ गया है। खास बात तो यह है कि इस वार के बीच शिवसेना संस्थापक स्वर्गीय बाल ठाकरे की अब इंट्री हो गई है। राज ठाकरे ने बाल ठाकरे का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है जिसमें स्व. ठाकरे बेबाकी से अपनी बात तो रख रहे हैं।
वीडियो में बाल ठाकरे कह रहे हैं कि जिस दिन इस महाराष्ट्र में हमारी सरकार आएगी उस दिन सड़क पर होने वाली नमाज़ को बंद किए बिना हम खामोश नहीं बैठेंगे, क्योंकि धर्म ऐसा होना चाहिए जो राष्ट्र के विकास के आड़े नहीं आना चाहिए। उससे लोगों को तकलीफ न हो। हमारे हिंदू धर्म में अगर कहीं ऐसी तकलीफ किसी को हो रही होगी तो हमें आकर बताएं। मैं उसका बंदोबस्त करूंगा लेकिन यह लाउडस्पीकर मस्जिद से नीचे ज़रूर आएंगे। उधर, राज ठाकरे के इस वीडियो को ट्विटर से पोस्ट किये जाने पर शिवसेना नेता संजय राउत कहते हैं कि राज ठाकरे बाला साहब के बारे में क्या जानते हैं? वे तो खुद उन्हें जीते जी छोड़कर चले गए थे। राज हमें क्या हिंदुत्व सिखाएंगे?
राज ठाकरे के इस वीडियो को ट्विटर से पोस्ट करने के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने इस पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, ”बाला साहब का वीडियो ट्वीट करके वो क्या दिखाना चाहते हैं. उन्हें बाला साहब ठाकरे के बारे में क्या पता है. वो लोग बाला साहब ठाकरे को जीते जी छोड़कर हमें क्या हिंदुत्व सिखाएंगे?’
राज ठाकरे ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जब तक मस्जिदों के ऊपर लाउडस्पीकर बंद नहीं होता, उनका आंदोलन जारी रहेगा। राज ठाकरे ने कहा कि मैं अज़ान के ख़िलाफ़ नहीं हूं लेकिन वो घर में या मस्जिद के अंदर पढ़ी जाए। सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के मुताबिक़ लाउडस्पीकर की आवाज़ 45 से 55 डेसिबल तक होनी चाहिए। ये आवाज़ घर में चलने वाले ग्राइंडर मिक्सर जितनी होती है। अगर इससे आगे जाएंगे तो कार्रवाई होगी। हम महाराष्ट्र में शांति चाहते हैं। मस्जिद ही नहीं अगर मंदिरों के ऊपर भी अवैध लाउडस्पीकर हैं तो आप उसे भी निकालो। अगर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना हो रही है तो आगे क्या होगा ये भी मुझे देखना है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को सरकार मानेगी ही नहीं तो आदेश का क्या फ़ायदा।