कितना तैयार है इंदौर : बड़ी सड़के वन-वे करने से छोटी सड़कों पर आएगा दबाव

नईदुनिया से साभार सड़क का मेप

मुनीष शर्मा, विहान हिंदुस्तान न्यूज

इंदौर में यातायात को सुधारने के लिए नए प्रयास किए जा रहे हैं जिसके तहत एमजी रोड और जवाहर मार्ग 8 जनवरी से वन-वे कर दिए जाएंगे। ये दोनों ही सड़के शहर की दो बड़ी सड़के हैं जिसपर यातायात का काफी दबाव रहता है। लंबे समय बाद इन सड़कों पर यातायात को लेकर कोई सुधार कार्य करने का प्रयास किया जा रहा है जो शहर की जनता के लिए एक अच्छी बात भी है। इससे पहले कतिपय अधिकारी अपने हिसाब से ही शहर चलाते थे यानी उन्हें जनता की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं था। खास बात तो यह थी कि अफसरों का इतना रसूख था कि वे जनप्रतिनिधियों को पूछते तक नहीं थे। वैसे इन दोनों बड़ी सड़कों पर वन-वे करने से छोटी सड़कों पर यातायात का दबाव एकाएक बढ़ जाएगा जिससे प्रशासन कितना तैयार होगा यह देखना होगा।

नगर निगम महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मीडिया को जो जानकारी दी है उसके तहत बड़ा गणपति से कृष्णपुरा छत्री और संजय सेतु से राजमोहल्ला की ओर एकांकी मार्ग रहेगा। यानी बड़ा गणपति से कृष्णपुरा छत्री तक वाहन आ सकते हैं जा नहीं सकते और इसी तरह संजय सेतु से राजमोहल्ला तक वाहन जा सकते हैं, आ नहीं सकते। अब यदि बड़ा गणपति से किसी को बांबे बाजार तक जाना हो तो उसे मल्हारगंज, गोरा कुंड, खजूरी बाजार होकर संजय सेतु पर आना होगा और फिर राजमोहल्ला की तरफ का ट्रेक पकड़कर बंबई बाजार पहुंचना होगा। अभी ये वाहन चालक बड़ा गणपति से अंतिम चौराहा होते हुए राजमोहल्ला आ जाते थे जहां से बंबई बाजार कुछ पास पड़ता है। अब ये वाहन चालक खासकर चौपहिया वाहन चालक बीच की गलियां ढूढ़ेगे मसलन सीतलामाता बाजार उनके लिए काफी उपयोगी होगा। वैसे कई अन्य गलियां हैं जो उपयोग में तो आएगी लेकिन वाहन जाम हो जाएंगे। इस मार्केट (सीतलामाता) में वैसे ही काफी भीड़ रहती है जिससे प्रशासन को यहां यातायात व्यवस्ता जमाने में काफी दिक्कते आ सकती है। इसके अलावा खजूरी बाजार से भी सराफा होते हुए सड़क पकड़ी जा सकती है लेकिन यह भी यातायात जाम करने वाली ही साबित होगी। कुछ ऐसी ही स्थिति नंदलालपुरा से गोराकुंड जाने वाले वाहन चालकों को भी होगी। बड़ी बात यह है कि जब मार्केट्स में जाम लगेगा तो यहां के व्यापारियों की बिक्री पर भी असर होगा जिससे वे खुद भी परेशान होंगे।

ई-रिक्शा पर पहले नियम बनाने की जरूरत

यह देखने में आता है कि इंदौर शहर में ई-रिक्शा धड़ाधड़ सड़कों पर उतर रही है जिससे यातायात पर काफी दबाव पड़ रहा है। यात्रियों को आटो रिक्शा या अन्य लोक परिवहन से ई-रिक्शा सस्ती पड़ती है जिससे यह जनता के लिए तो बेहतर विकल्प है लेकिन यातायात के लिए यह काफी परेशानीभरा है। यह देखने में आया है कि ई-रिक्शा चलाने वालों का वाहन पर नियंत्रण कम ही रहता है और ये कहीं भी घूस जाते हैं। ऐसे में यातायात के सुधार की कोई योजना को अमलीजामा पहनाने से पहले ई-रिक्शा के लिए नियम बनाना जरूरी है।

एलिवेटेड ब्रिज पर विचार नहीं….

एमजी रोड और जवाहर मार्ग के यातायात को लेकर पहले भी कई बार बात हो चुकी है। एक समय जवाहर मार्ग पर एलिवेटेड ब्रिज बनाने की बात आई थी लेकिन यहां के व्यापारियों ने इसका विरोध किया था। इनका कहना था कि उनकी दुकानदारी पर इस ब्रिज का काफी असर आएगा। विधानसभा चार की विधायक मालिनी गौड़ ने भी एलिवेटेड ब्रिज का पूर्व में विरोध ही किया है।

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