अपनी ही सरकार के खिलाफ एक दिन के धरने पर बैठेंगे राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट

विहान हिंदुस्तान न्यूज

राजस्थान में विधानसभा चुनावों में 6-7 महीने ही बचे हैं लेकिन कांग्रेस में अशोक गहलोत व सचिन पायलट जैसे बड़े नेताओं में जंग चल रही है। यह जंग खत्म होने के बजाय तेज होती दिख रही है। पूर्व मुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत पर भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई न करने के मामले पर नाराजगी जताई है। पायलट ने इसके विरोध स्वरूप 11 अप्रैल को एक दिन का धरना दिए जाने का फैसला भी कर लिया है।

सचिन पायलट ने आज एक पत्रकारवार्ता करते हुए अपने धरने व अनशन की बात बताई। कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता का कहना है भाजपा की सरकार में रहते हुए वसुंधरा राजे सिंधिया ने जो घपले-घोटाले किए हैं उसकी जांच कराई जाए। उन्होंने कहा भाजपा सरकार में अनेको-अनेक घपले हुए लेकिन हमारी सरकार के साढ़े चार साल पूरे हो चुके हैं लेकिन अभी तक इसकी जांच नहीं कराई गई है। हमने तो विपक्ष में रहते हुए जनता से यह वादा ​भी किया था कि कांग्रेस की सरकार बनते ही वे वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए घोटालों की जांच कराएंगे। पायलट का कहना है मैंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस मामले में दो बार पत्र भी लिखे लेकिन उन्होंने मेरे पत्रों को गंभीरता से नहीं लिया। यही कारण है कि मैं 11 अप्रैल को जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना देने जा रहा हूं और इसकी सूचना मैंने प्रशासन व कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों को भी दे दी है। पायलट ने यह भी कहा कि जनता ने हम पर विश्वास किया है और यही कारण है कि हमने 21 सीटों से 101 सीटों तक पहुंचने में सफलता हासिल की है। उनका कहना था विपक्ष में रहते हुए हमने वसुंधरा सरकार पर 45 हजार करोड़ के घोटाले के आरोप लगाए थे लेकिन हमारी सरकार ने न तो सीबीआई को और न ही अपने राज्य की जांच एजेंसी को ये मामले नहीं सौंपे।

पायलट के आक्रामक अंदाज के अलग-अलग नजरिये

सचिन पायलट के चुनाव से कुछ समय पहले हुए आक्रामक तेवरों को लेकर अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। इसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को चेताने व मुख्यमंत्री बदलने के तौर पर तो देखा ही जा रहा है साथ ही भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को आकर्षित करने के रूप में भी देखा जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे को पसंद नहीं करते हैं लेकिन वे उनकी मजबूरी बनी रहती है। ऐसे में ये लोग एक तीर से दो निशाने लगा सकते हैं मसलन अब होने वाले चुनाव में वसुंधरा राजे को दरकिनार कर नए चेहरो को आगे कर सकते हैं। पायलट को अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता ज्यादा है क्योंकि कांग्रेस में वे पहले तो उपमुख्यमंत्री थे लेकिन अब तो सामान्य विधायक के रूप में ही उनकी गाड़ी चल रही है। यदि कांग्रेस की सरकार राज्य से भी चली गई तो उनके पास कुछ नहीं बचेगा।

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