संकुल प्राचार्य को फिर भेज रहे उन्हीं के द्वारा भेजी जानकारी
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विहान हिंदुस्तान न्यूज
इंदौर जिला निर्वाचन कार्यालय में स्कूली शिक्षा विभाग को लेकर अधिकारी कुछ बेचैन से दिख रहे हैं। एक दो ड्यूटी निरस्त करने में इस विभाग के काफी कर्मचारी अन्य विभागों से आगे हैं, वहीं दूसरी तरफ विभाग के कुछ कर्मचारी शक के दायरे में भी देखे गए हैं। शक का कारण क्या है यह तो सामने नहीं आया है लेकिन जिस तरह से स्कूली शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को हटाने या वापस बुलाने का कार्य चल रहा है वह इसी तरफ इंगित करता है। एक बात यह भी देखी जा रही है कि संकुल प्राचार्य द्वारा भेजी गई जानकारी को पुनः उनके पास भेजा जा रहा है जिससे समय की बर्बादी तो हो ही रही है साथ ही एक काम को दोबारा भी करना पड़ रहा है। इस बात को लेकर कलेक्ट्रेट के अधिकारी भी विवाद में है।
बात करें संकुल प्राचार्याओं से एक ही काम की दोबारा पुष्टि करने को लेकर तो यह मामला हाई स्कूल के प्राचार्य पद का प्रभार लेने वाले लेक्चरर्स को लेकर हैं। असल में जिला निर्वाचन शाखा ने उन शिक्षकों की जानकारी मांगी थी जो सेवानिवृत हो गए हो, उनका देहावसान हो गया हो या अन्य स्थान पर पदस्थ हो गए हो। इन शिक्षकों के बारे में जानकारी संकुल प्राचार्य ने अपने हस्ताक्षर से जिला निर्वाचन कार्यालय को पूर्व में भेज दी थी। अब जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा फिर से शिक्षकों के बारे में संकुल प्राचार्य से ही जानकारी मांगी जा रही है। स्कूली शिक्षा विभाग में इस बात को लेकर काफी चर्चा है कि जब विभाग द्वारा एक बार जानकारी दे दी गई है तो फिर से यह जानकारी क्यों मांगी जा रही है? इसी तरह स्कूली शिक्षा विभाग के कुछ कंप्यूटर ऑपरेटर को भी निर्वाचन कार्यालय ने एकाएक कार्य मुक्त कर दिया था। बात यह समझ नहीं आई मतदान के करीब आने पर एक साथ 5 से 6 कंप्यूटर ऑपरेटर को कार्य मुक्ति क्यों किया गया, हालांकि जानकारी यह आ रही है की फिर से इन कंप्यूटर ऑपरेटर को बुलाया जा रहा है। यह पहली बार देखा जा रहा है की स्कूली शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को इस तरह से कार्य मुक्त कर वापस अपने स्थान पर भेजा गया। यदि इस तरह से निर्वाचन कार्यालय द्वारा कार्य किया जाता है तो मतदान के समय उसे काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि ज्यादातर कर्मचारी स्कूली शिक्षा विभाग के ही आते हैं।
तो क्या प्रभार लेने वालों की ड्यूटी ग्रामीण क्षेत्र में….
जो लेक्चरर्स हाईस्कूल प्राचार्य का पद लेकर ग्रामीण क्षेत्र में गए हैं उनकी चुनाव ड्यूटी को लेकर संशय की स्थिति बन गई है। इनके नामों को अलग से मार्क किया जा रहा है। चूंकि ड्यूटी कहां लगेगी यह गोपनीय रहता है जिससे अभी तो सस्पेंस बना ही रहेगा। कहा यह जा रहा है कि इन शिक्षकों के नाम ग्रामीण क्षेत्र के लिए रखें जा सकते हैं।