प्रमोशन में आरक्षण मामले में फैसला अब 3 जनवरी के बाद


विहान हिंदुस्तान न्यूज
मध्यप्रदेश सहित कुछ अन्य राज्यों के लिए सुप्रीम कोर्ट पदोन्नति में आरक्षण के केस की सुनवाई कर चुकी है। सुप्रीम कोर्ट को अब इसपर फैसला सुनाना है लेकिन 18 दिसंबर से 2 जनवरी तक विंटर ब्रेक है। बताया जा रहा है अब इस मामले में फैसला 3 जनवरी के बाद ही आएगा।
जस्टिस एल. नागेश्वर राव, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी.आर. गवई की बैंच ने 70 मामलों को क्लब करके पदोन्नति में आरक्षण मामले की सुनवाई की है। यह सुनवाई 26 अक्टूबर को पूरी हो गई थी और उस दिन फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। बताया जा रहा है इस बार सुप्रीम कोर्ट पदोन्नति पर आरक्षण को लेकर जो फैसला सुनाएगी वह माइल स्टोन होगा यानि इस फैसले के आधार पर ही भविष्य में पदोन्नति में आरक्षण के मामले को देशभर के अन्य न्यायालय देखेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले से जुड़े सभी प्रदेश सरकारों से एक एफिडेविट मांगा था जिसमें यह डेटा दिया जाना था कि कितने अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के कर्मचारी हैं जिन्होंने नौकरी लगने के दौरान आरक्षण का उपयोग नहीं किया था। सरकारों ने यह एफिडेविट सुप्रीम कोर्ट में जमा कर दिया है ऐसी जानकारी मिल रही है। संभावना यह जताई जा रही है कि सुप्रीम कोर्ट ऐसे कर्मचारियों को एक बार पदोन्नति में आरक्षण का लाभ दे सकती है हालांकि यह फैसला आने पर ही तय हो पाएगा। अब विंटर ब्रेक के बाद सुप्रीम कोर्ट कब तक इस मामले में फैसला सुनाती है इसका इंतजार सभी कर्मचारियों को है क्योंकि मध्यप्रदेश में अप्रैल 2016 के बाद से राज्य के कर्मचारियों को पदोन्नति ही नहीं मिल पाई है। कई कर्मचारी तो पदोन्नति के इंतजार में रिटायर भी हो गए हैं।

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