प्रमोशन में आरक्षण की सुनवाई पूरी, न्यायालय ने फैसला रखा सुरक्षित


मुनीष शर्मा, विहान हिंदुस्तान न्यूज
प्रमोशन में आरक्षण को लेकर लंबे समय से चल रही सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में पूरी हो गई है। न्यायालय ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा है हालांकि राज्य सरकारों से यह पूछा गया है कि जिन्होंने नौकरी में भर्ती के समय आरक्षण का लाभ नहीं लिया है क्या वे प्रमोशन में यह लाभ ले रहे हैं? क्या इस संबंध में सरकारों के पास कोई डेटा है? राज्य सरकारों ने इस संबंध में एफिडेविट फाइल करने की बात कही है। अब यह मामला 8 नवंबर या इसके बाद ही सामने आएगा क्योंकि न्यायालय की 30 अक्टूबर से 7 नवंबर तक छुट्टियां हैं।
मध्यप्रदेश सहित कुछ अन्य राज्यों में हुए पदोन्नति में आरक्षण के मामले को सुप्रीम कोर्ट सुन रहा है। जस्टिस एल. नागेश्वर राव, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी.आर. गवई की बैंच ने 70 मामलों को क्लब करके सुना जिसमें कुछ राज्यों के साथ उनके कार्पोरेशन के मामले भी थे। मंगलवार को सुनवाई पूरी हो गई और सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब यह फैसला नवंबर में आने की संभावना है। हालांकि इससे पहले राज्य सरकारों को यह बताना होगा कि उनके यहां ऐसे कितने आरक्षित वर्ग के कर्मचारी हैं जिन्होंने नौकरी लेते समय आरक्षण का लाभ नहीं लिया लेकिन प्रमोशन में उन्होंने ये लाभ लिया है। बताया जाता है सभी सरकारों के पास यह डेटा है लेकिन उन्हें एफिडेविट पर यह न्यायालय में पेश करना है। अब सरकार हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में जमा करेगी जिसके बाद न्यायालय इसे देखने के बाद अपना फैसला देगी। यह बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट इस बार पदोन्नति में आरक्षण को लेकर एक गाइड लाइन बनाने जा रहा है ताकि बार-बार इस तरह के मामले उसके सामने न आए। इन्हीं सब बातों को लेकर सुप्रीम कोर्ट प्रमोशन में आरक्षण के हर बिंदु पर गौर कर रही है। पुराने केसों को लेकर भी वह फैसलों की जानकारी ले रही है। इसके अलावा हर राज्य में अब तक क्या स्थिति बनी इसे भी वह देख रही है यानी सुप्रीम कोर्ट के ही पुराने फैसले क्या थे। कुल मिलाकर यह है कि अब सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति में आरक्षण को लेकर सुनवाई पूरी हो चुकी है और अब फैसले का इंतजार है जो संभवत: अगले महीने आ सकता है।

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