पॉजीटिव केस 600 पार लेकिन बच्चों की परीक्षा की रिस्क ले रही सरकार प्री-बोर्ड कराने की तो आवश्यकता ही नहीं है, पालक हो रहे चिंतित, एक अप्रैल से 9वी से 12वीं तक फिर खुलेंगे स्कूल
मध्यप्रदेश में रोज कोरोना पॉजीटिव केस बढ़ते जा रहे हैं। इंदौर और भोपाल के अलावा भी प्रदेश के अन्य जिलों में प्रतिदिन कोरोना की दूसरी लहर अपना परचम फहराने से बाज नहीं आ रही है। राज्य सरकार ने कई शहरों में रात का कर्फ्यू भी लगा दिया है और रविवार को लॉकडाउन भी करना शुरू कर दिया है। इस लहर में बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं लेकिन मध्यप्रदेश का स्कूली शिक्षा विभाग है कि परीक्षाएं लेने पर उतारू है। विभाग के इस व्यवहार से पालक चिंतित हो रहे हैं। इन लोगों का कहना है यदि बच्चे स्कूल जाकर परीक्षाएं देंगे तो भीड़ में इतनी देखभाल नहीं हो पाएगी। इनका मानना है कि 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षाएं ही ली जाए बाकि अन्य को जनरल प्रमोशन दे दिया जाए। कोरोना की लहर और बढ़ते मरीजों के बीच स्कूली शिक्षा विभाग ने 9वीं से 12वीं तक के स्कूल १ अप्रैल से खोलने की घोषणा कर दी है। 1-8वीं तक के स्कूल जरूर 15 अप्रैल तक बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं।
प्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर की ही बात करें तो 23 मार्च को यहां 387 नए पॉजीटिव केस सामने आए थे। ये केस दिनों-दिन बढ़ते जा रहे हैं। 24 मार्च को 477, 25 मार्च को 584, 26 मार्च को 612, 27 मार्च को 619, 28 मार्च को 603 और 29 मार्च को 609 नए मरीज मिले हैं। इन आंकड़ों को देखकर कोरोना के बढ़ते ग्राफ को आसानी से समझा जा सकता है। अब हम स्कूली शिक्षा विभाग की बात करें तो उसने 12 अप्रैल से 9वीं और 11वीं की परीक्षाएं आयोजित की है। पूरे प्रदेश में 9वीं-११वीं के लाखों बच्चे परीक्षाएं देंगे। इसी दिन से यानि 12 अप्रैल से 10वीं-12वीं की प्री-बोर्ड परीक्षाएं भी आयोजित की जाएगी। इसमें भी लाखों बच्चे शामिल होंगे। 30 अप्रैल से ही 10वीं-12वीं की मुख्य परीक्षा भी आयोजित की जाना है। सरकार एक तरफ जल्दी दुकाने बंद कराने के साथ रविवार को लॉकडाउन भी कर रही है और दूसरी तरफ परीक्षाएं आयोजित करके कोरोना विस्फोट को भी अंजाम दे रही है।
पीएससी मुख्य परीक्षा में ही दूरी नहीं थी
अभी हम 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को लेकर बात कर रहे थे। यदि पिछले हफ्ते हुई पीएससी मुख्य परीक्षा की बात करें तो कई कॉलेजों में डिस्टेंस ही ठीक से मेंटेन नहीं किए जा रहे हैं। इंदौर संभाग के आयुक्त पवन शर्मा खुद जब मौका मुआयना करने गए तब उन्होंने कुछ कॉलेज प्रबंधन को सोशल डिस्टेंस बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने टेबलों के बीच की दूरी खडे रहकर अलग कराई। जब पीएससी परीक्षा का यह हाल है तो स्कूली बच्चों को बैठाना कितना मुश्कल होगा यह समझा जा सकता है।