महत्वपूर्ण निर्णय : प्राचार्य से वसूली गई 3.33 लाख रुपये की राशि हाईकोर्ट ने वापस ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया
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-सेवानिवृत्त होने के बाद या एक साल पहले किसी भी श्रेणी के कर्मचारी से रिकवरी नहीं की जा सकती
विहान हिंदुस्तान न्यूज
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के न्यायाधीश माननीय प्रणय वर्मा ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में शिक्षा विभाग से रिटायर हुए प्राचार्य से वसूल की गए 3 लाख 33 हजार रु. की राशि को 6 प्रतिशत ब्याज सहित 2 माह में लौटाने का आदेश शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिया है। न्यायालय ने वसूली आदेश को निरस्त करते हुए पेंशन अधिकारी को रिवाइज पीपीओ जारी करने को भी कहा है।
राज्य आदर्श शिक्षक मंच (रस्म) के अध्यक्ष भगवतीप्रसाद पंडित ने इस कर्मचारी हितैषी फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि वादी शिक्षा विभाग के शासकीय उर्दू कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल बक्षीबाग से सेवानिवृत्त हुए प्राचार्य गिरधारीलाल यादव हैं जिन्होंने हाईकोर्ट के सम्मुख शिक्षा विभाग के अधिकारियों तथा जिला- संभागीय पेंशन अधिकारियों को प्रतिवादी बनाते हुए मांग की थी कि उनसे 3,33,085 रु. की राशि विभाग ने गलत फ़िक़्शेसन के कारण रिकवरी निकालकर वसूल कर ली है जो उन्हें वापस दिलाई जाए। न्यायालय में वादी के अधिवक्ता ने सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न फैसलों के उदाहरण प्रस्तुत किए और यह साबित किया कि रिकवरी न्यायसंगत नहीं है ।
न्यायाधीश माननीय प्रणय वर्मा ने अपने निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय औऱ कोर्ट के अन्य फैसलों के दृष्टांत हवाले देते हुए कहा कि किसी भी श्रेणी के शासकीय कर्मचारी से उसके रिटायरमेंट के एक वर्ष पूर्व और रिटायरमेंट के बाद रिकवरी नहीं की जा सकती। उन्होंने किसी भी भुगतान के पूर्व कर्मचारी द्वारा भरे गए अंडरटेकिंग के तर्क को भी खारिज कर दिया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि विभाग द्वारा कर्मचारी को किए अधिक/ गलत भुगतान की राशि की रिकवरी पांच वर्ष के बाद किया जाना भी वैधानिक नहीं है। माननीय न्यायालय ने प्रतिवादियों को आदेशित किया वे वादी को 2 माह के भीतर 6 प्रतिशत ब्याज की दर से वसूली राशि वापस लौटाए। साथ ही पेंशन निर्धारण रिवाइज भी करें । वादी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद अग्रवाल ने पैरवी की। श्री पंडित ने इस निर्णय के संबंध में कहा कि इस फैसले से साबित हो गया कि अब तृतीय, चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के साथ ही प्रथम औऱ द्वितीय श्रेणी के कर्मचारियों से भी रिटायरमेंट के एक वर्ष पूर्व तथा उसके बाद रिकवरी नहीं की जा सकती है।