शिवाजी जयंती : सुबह युवराज उस्ताद तो शाम को सतीश भाऊ निकालेंगे शोभायात्रा, पुलिस-प्रशासन की भी तैयारी

मुनीष शर्मा, विहान हिंदुस्तान न्यूज

विदेशी आक्रांताओं के खिलाफ लड़कर भगवा झंडे को बुलंद करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज की 19 फरवरी को जयंती है। हर साल की तरह इस साल भी शिवाजी जयंती इंदौर ही नहीं पूरे भारत में जोर-शोर से मनाई जाना है जिसके लिए तैयारियां भी चल रही है। इस दिन इंदौर में दो बड़ी शोभायात्राएं निकलना है जिसमें एक सुबह और दूसरी शाम को निकलेगी। शोभायात्राओं में महिलाएं भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाली है। सुबह शोभायात्रा युवराज उस्ताद निकलवा रहे हैं तो शाम को सतीश भाऊ जुलूस निकलने वाले हैं। जिला प्रशासन व पुलिस विभाग का अमला भी पूरी तैयारी में है ताकि ट्रेफिक सुचारू रूप से चलता रहे।

इंदौर शहर में युवराज उस्ताद और सतीश भाऊ किसी पहचान के मोहताज नहीं है। क्षत्रिय मराठा समाज से आने वाले इन दोनों का म.प्र. ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र में भी काफी दबदबा है। बीते दिनों दोनों के बीच आपसी रंजिश की बाते सामने आती रही लेकिन समाजजनों के प्रयासों से बहुत से समीकरण बदले तो हैं हालांकि समाजजन चाहते थे कि शिवाजी जयंती पर निकलने वाली शोभायात्रा में दोनों की सहभागिता रहे और एक ही शोभायात्रा निकले। बहरहाल दोनों ने ही अपने-अपने समय के अनुसार शिवाजी प्रतिमा तक शोभायात्रा निकालना तय किया है। युवराज उस्ताद की पत्नी व सर्व मराठी भाषी संघ की अध्यक्ष स्वाति युवराज काशिद की अगुआई में सुबह 8 बजे तीन पुलिया चौराहे से शोभायात्रा निकलेगी। इस शोभायात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं मराठी परिवेश में साफा बांधकर आएगी। दोपहिया वाहनों से ये तीन पुलिया से बीआरटीएस स्थिति शिवाजी वाटिका चौराहे पर आएंगी जहां महाराजा छत्रपति शिवाजी के चरण में फूल रखकर श्रद्धांजलि देंगी। समाज के पुरुष भी इस शोभायात्रा में शामिल रहेंगे। स्वाति युवराज काशिद समाजजनों के लिए काफी मदद भी करती रहती हैं।

इसी तरह सतीश भाऊ की पत्नी नीलम पंवार भी चिमनबाग चौराहे से एक शोभायात्रा निकालने जा रही है। यह शोभायात्रा शाम 4 बजे चिमनबाग चौराहे से निकलकर बीआरटीएस स्थित शिवाजी वाटिका चौराहे पर पहुंचेगी। इस शोभायात्रा के लिए भी भाऊ परिवार की तरफ से तैयारियां चल रही है व जगह-जगह पोस्टर-बैनर लगाए जा रहे हैं। इस शोभायात्रा में भी महिलाएं मराठी परिवेश में नजर आएंगी।

कौन किसके साथ जाएगा…

युवराज उस्ताद व सतीश भाऊ दोनों है तो एक ही समाज से लेकिन दोनों के बीच की दूरी कई लोगों के लिए परेशानी का सबब भी बन जाती है। अब शोभायात्रा में जाने वालों से यह तो पता चल जाएगा कि कौन किसके साथ है? खास परेशानी उन नेताओं के साथ होना है जो युवराज और सतीश भाऊ को अपना करीबी बताते रहे हैं लेकिन ये लोग सार्वजनिक मंच पर ऐसा नहीं बोलते। अब इस तरह के नेता दोनों ही शोभायात्राओं में शामिल होंगे या दोनों से ही दूरी बनाएंगे यह देखना होगा। यह जरूर है कि विभिन्न समाचार पत्रों में 19 फरवरी को शोभायात्राओं से संबंधित विज्ञापन देखे जाएंगे जिससे गुट विशेष के साथ रहने या तटस्थ रहने वालों की जानकारी काफी हद तक मिल जाएगी। लोगों की चर्चाओं के अनुसार इन शोभायात्राओं को एक तरह का शक्ति परीक्षण भी माना जा रहा है।

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