सिर्फ साइन नहीं नाम भी चाहिए…
राज्य शासन ने एक आदेश जारी किया है जिसमें अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया है कि वे कोई भी पत्र, निर्देश या आदेश जारी करें तो उसके नीचे साइन के साथ उक्त अधिकारी के नाम का भी उल्लेख किया जाना चाहिए। अभी तक अधिकारी सिर्फ अपने पदनाम का ही उपयोग करते थे जिसमें नाम नहीं होता था। इसके बाद में जब किसी मामले की जांच होती है तो पत्र या आदेश किसने जारी किया वह लंबी जानकारी के बाद पता चलता है। ऐसे में टाइम काफी खराब होता है।
पिछले दिनों सरकार ने जो आदेश जारी किया है उसमें पत्र, निर्देश या आदेश जारी करने वाले अधिकारी का नाम ही नहीं बल्कि शासकीय टेलीफोन नंबर व ई-मेल एड्रेस भी लिखने की बात कही है। यह आदेश तब जारी हुआ जब प्रदेश में अलग-अलग माफियाओं पर धर-पकड़ चल रही है जिसमें विशेष रूप से जमीन माफियाओं पर शिकंजा कसा जा रहा है। जमीन माफियाओं को उन अधिकारियों का विशेष साथ रहा है जो सहकारी संस्थाओं में पदस्थ रहे हैं। ऐसे सभी अधिकारी ही माफियाओं से नहीं मिले लेकिन कुछ ऐसे अधिकारी हैं जो लंबे समय तक इंदौर में पदस्थ रहे हैं। इंदौर में जमीन माफियाओं द्वारा सहकारी संस्थाओं की खरीद-फरोख्त कर उनके नाम पर आवंटित जमीन को खुद हजम कर रहे थे।