साल में 83 दिन धूप नहीं मिलने पर गांव में की ऐसी व्यवस्था
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विहान हिंदुस्तान न्यूज
बगैर धूप और सूरज की रोशनी के जीवन बेहद बोझिल और उदासीन सा प्रतीत होता है और फिर ऐसा गांव जहां सर्दियों में सूरज की रोशनी ही न पहुंचे तो लोगों का परेशान होना वाजिब है। ऐसे ही घाटी की तली में बसे एक गांव के लोगों ने सूरज की रोशनी पाने के लिए एक तरीके का ईजाद किया और कृत्रिम सूरज बना लिया। उत्तरी इटली में पाइमोंट घाटी विगनेला नाम का गांव एक गहरी घाटी के तल पर स्थित है। ऐसे में यहां सर्दियों के दौरान जरा सी भी धूप नहीं पहुंचती। इस गांव को सर्दियों (नंवबर और फरवरी) में 83 दिनों तक धूप नहीं मिलती, लेकिन पहाड़ की चोटी पर लगा एक विशाल शीशा (कृत्रिम सूरज) शहर के चौक पर सूरज की रोशनी को बिखेरता है, जिससे गांव वाले सर्दियों में भी धूप का दीदार करते हैं। पहाड़ी की चोटी पर बड़ा सा शीशा लगा है, जिससे सूरज की रोशनी प्रतिबिंबित होकर गांव तक पहुंचती है। गांव में लगभग 200 लोग रहते हैं। उन्हें इस आर्टिफिशियल सूरज से करीब 6 घंटे रोशनी मिलती है। इस रोशनी की वजह से ही लोग सर्दियों में घर से बाहर निकलकर एक-दूसरे से मिलते और साथ बैठते हैं। जिस विशाल शीशे से गांव तक सूरज की रोशनी पहुंचती है, उसका वजन 1.1 टन है। इसे कंप्यूटर की मदद से ऑपरेट किया जाता है। पियर फ्रांको मिडाली ने बताया था कि यह मैटीरियल 95 फीसदी सूर्य की रोशनी को परिवर्तित करता है। इस प्रोजेक्ट में 1 लाख यूरो का खर्च आया था।
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