सीएम शिवराज परिवार की सुंदर डेयरी अब बन गई सुंदर फूड्स एंड डेयरी, देवास का प्लांट शुरू, राजगढ़ की तैयारी
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मुनीष शर्मा, विहान हिंदुस्तान न्यूज
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के परिवार की सुंदर डेयरी अब फलने-फूलने लगी है। सुंदर डेयरी एंड फूड्स नाम से अब यह फर्म हो गई है। इस साझेदारी फर्म में न सिर्फ पार्टनर बढ़े हैं बल्कि कारोबार भी प्रदेश के कई अन्य शहरों तक पहुंच गया है। हेड ऑफिस भी विदिशा से चलकर भोपाल आ गया है। सुंदर डेयरी एंड फूड्स सुधामृत नाम से दूध, घी व पनीर बेच रहा था लेकिन 5 अप्रैल से यह लस्सी के तीन वेरिएंट के साथ दही भी मार्केट में उतार रहा है। लगभग एक महीने में पानी की बॉटल भी सुधामृत नाम से जाएगी।
मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान खेती-किसानी के क्षेत्र को विकसित करने की बात लंबे समय से कर रहे हैं। उनकी इस बात का असर उनके परिवार यानि उनकी पत्नी साधनासिंह, बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान व कुनाल सिंह चौहान पर ऐसा पड़ा की इन्होंने भागीदारी फर्म मेसर्स सुंदर डेयरी की स्थापना 17 जनवरी 2017 को कर डाली। विदिशा इसका मुख्य क्षेत्र रहा है। 1 मार्च 2018 को उक्त भागीदारी फर्म में संशोधन करते हुए सुधीर हरयाल पुत्र परसराम हरयाल निवासी नई दिल्ली को नया भागीदार बनाया गया। फर्म में भागीदारी का विकास फिर 1 अप्रैल 2019 को किया गया जब नए साझेदार प्रेम कुमार जायसवाल निवासी गोंदिया (महाराष्ट्र) को शामिल किया गया। विकास कार्य की रफ्तार चौहान परिवार ने सिर्फ फर्म की पार्टनशिप में ही नहीं बढ़ाई बल्कि विदिशा के बाद देवास में नया प्लांट डालकर इंदौर व उज्जैन संभाग को भी कवर करना शुरू किया। अब मेसर्स सुंदर डेयरी एंड फूड्स का नया प्लांट राजगढ़ ब्यावरा में खोला जाना है जहां से सुधामृत सफलता की नई इबारत लिखेगा। विहान हिंदुस्तान डॉटकॉम ने जब फर्म से संपर्क किया तो वहां से जानकारी मिली कि सुंदर डेयरी एंड फूड्स ने मीडिया ग्रुप दैनिक भास्कर के साथ भी अनुबंध किया है। इसमें सुधामृत थैलियों पर दैनिक भास्कर का नाम भी अंकित रहेगा।
सांची पर पड़़ेगा ज्यादा प्रभाव
यह देखने में आ रहा है कि म.प्र. में दूध व इससे जुड़े अन्य प्रोडक्ट बनाने वाली फर्म या कंपनियों की भरमार होती जा रही है। देश की बड़ी कंपनी मदर्स डेयरी ने भी म.प्र. में अपने कदम जमा लिए हैं। अमूल था तो पहले से लेकिन कुछ समय से इसने तेजी से व्यवसाय फैलाया है। कई अन्य कंपनियों के साथ शिवराज परिवार की इस फर्म से अब म.प्र. शासन से जुड़ी सांची पर काफी प्रभाव पड़ने की बात आ रही है। माना जा रहा है जिस तरह से बीएसएनएल देश में कमजोर हुआ वैसे ही सांची भी म.प्र. में जल्द ही नाम मात्र की संस्था बनकर रह जाएगी।