14 सितंबर को प्रमोशन में आरक्षण मामले को लेकर अंतिम सुनवाई, फैसला जल्द आने की संभावना


मुनीष शर्मा, विहान हिंदुस्तान न्यूज


मध्यप्रदेश में काम करने वाले सरकारी कर्मचारी-अधिकारियों के प्रमोशन का रास्ता अब साफ होने वाला है। ये प्रमोशन वर्ष 2016 से अटके हुए हैं क्योंकि प्रमोशन में आरक्षण का मामला न्यायालय में चल रहा है। फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और 14 सितंबर को इसकी अंतिम सुनवाई है। माना जा रहा है जल्द ही इसपर फैसला आएगा और सरकार को मिलने वाली गाइड लाइन पर पुन: प्रमोशन शुरू हो जाएंगे।
विहान हिंदुस्तान डॉटकॉम को मिली जानकारी के अनुसार 14 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश के इस पदोन्नति में आरक्षण के केस को प्राथमिकता दी है। इसे पहले नंबर पर रखा गया है। असल में अन्य कई राज्यों की तरह मध्यप्रदेश में भी अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण दिया जा रहा था जिसे लेकर कुछ सामान्य व पिछड़े वर्ग के कर्मचारियों ने आपत्ति ली थी। कुछ कर्मचारियों ने न्यायालय की शरण ली जहां से यह मामला आगे बढ़ता गया। बताया जाता है सुप्रीम कोर्ट ने अन्य राज्यों में पदोन्नति में आरक्षण को लेकर जानकारी ली है कि वहां क्या फैसला किया गया है। पांच जजों की कमेटी द्वारा यह रिपोर्ट तैयार किए जाने की बात सामने आ रही है। माना जा रहा है अंतिम सुनवाई के बाद न्यायालय फैसला देने में भी देर नहीं करेगी। मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को 2016 से प्रमोशन नहीं मिला है क्योंकि यह मामला न्यायालय में है। हाईकोर्ट जबलपुर ने पदोन्नति में आरक्षण को गलत ठहराया था जिसके बाद राज्य की शिवराजसिंह चौहान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी जिसके बाद से यह सर्वोच्च न्यायालय में सुना जा रहा है।


रिटायर हो चुके कर्मचारियों को भी मिल सकता है लाभ
सुप्रीम कोर्ट पदोन्नति में आरक्षण का फैसला जो भी दे लेकिन इससे यह तय है प्रमोशन शुरू हो जाएंगे। हर वर्ग के कर्मचारियों को उनकी पात्रता के अनुसार प्रमोशन मिलेगा। जो कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं यदि उनकी प्रमोशन की पात्रता जिस समय से बन रही थी उन्हें तब से यह प्रमोशन दिए जाएंगे जिसका लाभ उन्हें पेंशन में होगा।

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