कारगिल युद्ध के हीरो ने पहलवानों को सिखाएं जीवन के गुर
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रिटायर्ड कैप्टन सुरिंदर सिंह ने युद्ध के दौरान बनी स्थितियों से भी अवगत कराया
विहान हिंदुस्तान न्यूज
कारगिल युद्ध के हीरो रहे रिटायर्ड कैप्टन सुरिंदर सिंह बुधवार को दादा ताराचंद रेसलिंग सेंटर में पहुंचे जहां उन्होंने पहलवानों को जीवन जीने के गुर सिखाएं। 11 राजपूताना रायफल्स के सुरिंदर सिंह ने कारगिल युद्ध में बने हालातों के बारे में भी पहलवानों व उनकी माताओं को जानकारी दी। इस अवसर पर रोलबॉल खेल की वर्ल्ड कप में कांस्य पदक विजेता खिलाड़ी इंदौर की खुशी का भी सम्मान किया गया।
रिटायर्ड कैप्टन सुरिंदर सिंह ने बताया कि उनकी टीम को कारगिल की एक पोस्ट पर चढ़ने के लिए पहले पाकिस्तान सीमा में घुसना पड़ा। कुल सात लोगो की टीम ने यह कार्रवाई की। यहां से वे एक पहाड़ी से दूसरी पहाड़ी पर रस्सा डालकर पहुंचे। जब वे चोटी पर पहुंचे तो रात के 2.30 बजे थे लेकिन पोस्ट पर उजाला हो गया था क्योंकि ऊपर चोटी पर जल्दी सवेरा हो जाता है। चूंकि उनकी टीम को हमला करने के आदेश नहीं थे तो वे लोग चुपचाप छिपकर बैठे रहे। शाम 5.30 बजे तक वे ऐसे ही बैठे रहे। जब हमला करने की बारी आई तो भारतीय सेना ने जोरदार कार्रवाई की और पाकिस्तानियों को जमीन पर गिरा डाला। इस दौरान भारत के कुछ वीर सपूतों को भी हमने खोया लेकिन हमने पोस्ट पर भारत का झंडा लहरा दिया। कैप्टन ने पहलवानों और उनकी माताओं से कहा हमें अपनी पूरी मेहनत करना चाहिए फिर कभी सब्र तो कभी स्मार्ट वर्किंग से हमें गढ़ जीतना होता है। उन्होंने पहलवानों से यह भी कहा कि आप लोग खेल के साथ-साथ पढ़े जरूर क्योंकि अफसर का पद पाने के लिए पढ़ाई भी जरूरी है। कैप्टन सुरिंदर सिंह का स्वागत रेसलिंग सेंटर के उस्ताद महेश वर्मा (बच्चू पहलवान), नरेश वर्मा (मुन्ना पहलवान), अध्यक्ष कमल वर्मा, मुकेश वर्मा आदि ने किया। कोच रमेश पाल मिस्त्री ने अतिथि को रेसलिंग सेंटर की जानकारी दी। कार्यक्रम में खुशी के विश्कप में हिस्सा लेकर मेडल जीतने पर कमल वर्मा ने 2100 रुपये पुरस्कार स्वरूप भेंट किए। अंजलि वर्मा ने अतिथियों को रेसलिंग सेंटर की योजना के बारे में जानकारी दी। आभार निर्मल वर्मा ने माना।