स्वीडन में फिर एक बार कुरान का अपमान, पैर लगाया…इराक के झंडे से जूते पोछे, इराक ने बंद किया दूतावास व कंपनियां

कुरान के अपमान के खिलाफ इराक में हुए प्रदर्शन

विहान हिंदुस्तान न्यूज

स्वीडन में फिर एक बार मुस्लिम धर्मग्रंथ कुरान के साथ बेअदबी की गई है। बेअदबी करने वाला वहीं व्यक्ति है जिसने बकरीद के दिन मस्जिद के सामने कुरान जलाई थी। यह व्यक्ति सलवान मोमिका (37) है जो ईसाई धर्म से ताल्लुक रखता था लेकिन अब खुद को नास्तिक बताता है।

सलवान ने आज इराकी दूतावास के सामने कुरान जलाने के प्रयास किए हालांकि पुलिस ने उसे छीन लिया लेकिन वह इसे पैरो से कुचलने के प्रयास करने लगा। सलवान ने इराकी झंडे से अपने जूते पोछे। पूरी घटना स्वीडन के इराकी दूतावास के सामने हुई जहां 100 से ज्यादा लोग थे। बताया जाता है सलवान के साथ दो अन्य लोग थे बाकि मीडिया व पुलिस के कर्मचारी थे। सलवान इराकी नागरिक है जो साल 2018 में भागकर स्वीडन आ गया था। साल 2021 में उसे शरणार्थी के रूप में पूरी तरह से स्वीडन में जगह मिल गई। बकरीद के दिन सलवान ने कुरान में आग लगाई थी जिसका काफी विरोध हुआ था। विरोध इस बात का भी हुआ कि स्वीडन सरकार ने उसे कुरान को आग लगाने की अनुमति कैसे दे डाली। सलवान ने फिर एक बार कुरान को जलाने की अनुमति मांगी थी जो उसे गुरुवार को दी गई थी लेकिन सलवान ने यह घृणित कृत्य शुक्रवार को किया। जैसे ही सलवान के इस कृत्य की जानकारी इराक में पहुंची तो इराकी नागरिकों ने स्वीडिश दूतावास में आग लगा दी। इराक सरकार ने दूतावास बंद करने की बात भी कही साथ ही स्वीडन की कंपनियों को बंद करने का भी ऐलान किया। कुरान के इस अपमान को लेकर 57 मुस्लिम देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन (ओआईसी) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। ओआईसी ने स्वीडन के इस निर्णय की कड़ी निंदा की है।

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