ठगी का नया तरीका : जिसने बीमा करवाया ही नहीं, उसकी बीमा पॉलिसी पकने की तारीख बताकर ऐंठ रहे राशि

विहान हिंदुस्तान न्यूज

ठग नए-नए तरीके अपनाकर जनता की गाढ़ी कमाई हजम करना चाहते हैं। ताजा-तरीन मामला बीमा पॉलिसी के पकने का है यानी उसकी अवधि पूरी होने की बात कहकर पैसा झटकने के प्रयास करना। इंदौर के एक व्यवसायी के साथ कुछ ऐसा ही किया जा रहा था लेकिन व्यापारी की सतर्कता काम आई।

हुआ यह कि व्यवसायी पारसमल कटारिया के पास कुछ समय एक फोन आया। फोन करने वाले ने खुद का नाम विजय देशमुख बताया और एक बीमा कंपनी में कार्यरत होने की बात कही। उसने पारसमल कटारिया को कहा कि आपने 23 मार्च 2015 को 50 हजार रुपये जमा करवाकर पॉलिसी ली थी। संबंधित व्यक्ति ने बाकायदा पारसमल कटारिया का पॉलिसी नंबर बताया। उसने यह भी बताया कि वर्तमान में आपकी पॉलिसी की वेल्यू 188412.20 रुपये हो गई है। विजय देशमुख का कहना था कि साल 2016 और 2017 में आपको 50000-50000 रुपये जमा कराने थे। देशमुख ने यह भी कहा चूंकि आप सीनियर सिटीजन है इसलिए आपको 20 हजार रुपये की छूट मिल जाएगी लेकिन आप 80 हजार रुपये जमा करा दें। साथ ही आप आधार कार्ड, पेन कार्ड, फोटो व हस्ताक्षर किया हुआ चेक भी दें जिससे आपको पॉलिसी की राशि मिलने में आसानी हो जाएगी। पारसमल कटारिया को इस तरह के फोन कई बार आए जिसमें विजय देशमुख ने अपने सीनियर सूर्यकांत महाजन से भी बात कराई। इस मामले में जब पारसमल कटारिया ने अपने वकील प्रमोद ​कुमार द्विवेदी से बात की तो श्री द्विवेदी ने बीमा कंपनी के भोपाल ऑफिस का पता मांगने को कहा। जब पारसमल कटारिया ने भोपाल ऑफिस का पता मांगा तो ठगोरों ने फोन लगाना ही बंद कर दिया। अभिभाषक प्रमोद कुमार द्विवेदी ने लोगों को इस तरह के ठग गैंग से बचने की सलाह दी है। उनका कहना है कि आप पहले पड़ताल कर ले और उसके बाद ही आगे की कार्रवाई करें। वैसे भी जब आपने कोई बीमा पॉलिसी ली ही नहीं है तो फिर पॉलिसी का पैसा लेने की बात ही नहीं उठती। किसी भी तरह के लालच में न फंसे।

मुंबई निवासी अंनत सोहनी ने विहान हिंदुस्तान न्यूज को बताया कि यह तो ठीक है जिसकी पॉलिसी नहीं है उसे ठग लालच दे रहे हैं। हमारे यहां तो ऐसे प्रकरण भी आए हैं जिसमें पॉलिसी तो ग्राहता की थी ही लेकिन उसे भ्रमित कर दिया गया। ठग लोग इनकी पॉलिसी का नंबर तक ले आते हैं और उसे बताते हैं कि आपकी पॉलिसी की इतनी वेल्यू हो चुकी है जिससे आप दूसरी कंपनी की पॉलिसी ले लेंगे तो यह लाभ होगा। जब पॉलिसीधारक झांसे में आ जाता है तब उसे ठगकर ये गायब हो जाते हैं। इसके अलावा जिसकी पॉलिसी लेप्स हो चुकी है उन्हें भी अपने तरह से झांसे में लेकर कुछ ही पैसा डलवाकर पूरा लाभ दिलाने की बात कहते हैं। चक्रव्यूह में आए व्यक्ति से पैसा हड़पकर ये रफूचक्कर हो जाते हैं।

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