इंदौर में हुआ अयोध्या की माटी और सरयू जल का पूजन

विहान हिंदुस्तान न्यूज

  • संस्था सार्थक की ऐतिहासिक आध्यात्मिक पहल
  • श्री रामलला के मन्दिर स्थल से मंगवाईं माटी का भी हुआ पूजन
  • परिवारों को वितरित किया गया पवित्र सरयू नदी का जल

इंदौर के आध्यात्मिक आभामंडल में नए उजास के लिए संस्था “सार्थक” एक नई पहल कर रही है। संस्था के प्रमुख दीपक जैन टीनू ने बताया कि लगभग 500 वर्षों की दीर्घ प्रतीक्षा के बाद 22 जनवरी, 2024 को श्रीराम अपने जन्मस्थली के गर्भगृह में पुनः विराजमान होंगे। इस अवसर पर इंदौर में संभवत: देश के अकेले और अनोखे आयोजन में सरयू जल पूजन के साथ अयोध्या की माटी की अर्चना का अवसर भी इंदौरवासियों को मिला। रविवार (21 जनवरी) को बड़ा गणपति मंदिर पर आयोजित विशेष समारोह में परिवारों को पवित्र सरयू नदी का जल भी वितरित किया गया । इस पवित्र सरयू जल से 22 जनवरी को रामभक्त अपने घरों पर भगवान श्रीराम का अभिषेक कर सकेंगे। संस्था के अध्यक्ष नितेश मुछाल व अंकित रावल ने बताया कि आयोजन का विशेष आकर्षण लगातार 36 घंटे जलने वाली मैसूर से मंगवाई गई विशेष अगरबत्ती रही।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पवना नंद महाराज, धनेश्वर दाधीच, सुदर्शन गुप्ता एवं संत-महात्माओं,कार सेवकों की उपस्थिति में प्रज्वलित किया गया। इसी के साथ ग्यारह बटूकों द्वारा विशेष अनुष्ठान किया गया एवं उपस्थित विशाल जनसमूह द्वारा सामूहिक रूप से राम स्तुति, हनुमानचालीस का पाठ किया गया ।

संस्था सार्थक के प्रमुख दीपक जैन “टीनू” ने बताया कि अयोध्या में भव्य, दिव्य और नव्य मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के शुभ प्रसंग पर मां अहिल्‍या की नगरी इंदौर भी उमंग, उत्साह और उल्लास में डूबी हुई है। धर्मनगरी इंदौर के हजारों रामभक्त अयोध्या जाने की कामना और संकल्प ले चुके हैं लेकिन, व्यवस्थाओं और सुरक्षा कारणों से यह संभव नहीं हो पा रहा है। मां अहिल्‍या की नगरी के इसी भाव को भक्ति के नए सागर में प्रवेश करवाने के लिए संस्था ने यह पहल की है।

मैसूर की सुगंध में धर्ममय हुआ इंदौर
संस्था के सचिव विवेक जैन व गौरव नाहर ने बताया कि मैसूर की अगरबत्तियां धार्मिक जगत में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। ये अगरबत्तियां अपनी विशेष गंध, रंग और डिजाइन के लिए भी प्रसिद्ध हैं। इन अगरबत्तियों की अद्वितीय गंध से शांतिपूर्ण और प्रेरणादायक वातावरण का निर्माण होता है।

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