सीएम की स्थानांतरण नीति छोड़ो, ‘खर्चा’ करों और ट्रांसफर पाओं

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने मई में स्थानांतरण नीति लागू करने की घोषणा की है यानि मई माह में ही ट्रांसफर होंगे। सीएम की घोषणा को स्थानीय निधि संपरीक्षा (ऑडिट) विभाग द्वारा नजरअंदाज किए जाने का मामला सामने आया है। हुआ यह है कि विभाग की संचालक संध्या श्रीवास्तव ने 26 मार्च 2021 को पांच स्थानांतरण आदेश जारी किए हैं जिसमें तीन तो वे हैं जिन्होंने ‘खर्चा’ किया है। जिन तीन कर्मचारियों ने खर्चा किया है उनमें अविनाश कुमार वाजपेयी, मयंक वर्मा और रमेश शर्मा हैं।


अविनाश कुमार वाजपेयी असिस्टेंट ऑडिटर हैं जिन्हें नगर पालिका परिषद शिवपुरी से ग्वालियर क्षेत्रीय कार्यालय में पदस्थ किया गया है। वाजपेयी ने खर्चा किया यानि स्वयं के व्यय पर स्थानांतरण चाहा था। इनकी जगह मयंक वर्मा (असिस्टेंट ऑडिटर) को नगर पालिका परिषद शिवपुरी भेजा गया है। एक अन्य रमेश शर्मा सीनियर ऑडिटर हैं जो कृषि उपज मंडी बुरहानपुर में पदस्थ थे। शर्मा को नगर निगम इंदौर में पदस्थ किया गया है जो स्वयं के व्यय पर स्थानांतरण करवाकर आए हैं। रमेश शर्मा के आने से इंदौर नगर निगम में सीनियर ऑडिटर के रूप में पदस्थ जे.एस. जमरा को हटाने के लिए ऑडिट विभाग प्रबंधन को मजबूर होना पडा । जमरा को प्रशासनिक आधार पर बुरहानपुर भेजा गया है। वित्तीय वर्ष 31 मार्च को समाप्त होता है जिसके बीच में इन स्थानांतरणों के किए जाने को लेकर मामला चर्चा में है।

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