भिया का फोटो, कमल का निशान, ..और चल पड़ी ट्रेजर सिटी की दुकान

मुनीष शर्मा, विहान हिंदुस्तान न्यूज

टाउनशिप विकसित करने वाले भी किस-किस तरह के प्रलोभन देते हैं उसके कई उदाहरण इंदौर में देखने को मिल जाएंगे। इंदौर जिले के सुलाखेड़ी में विकसित हो रही ट्रेजर सिटी टाउनशिप के संचालकों ने भी कुछ ऐसा ही किया। इन्होंने बायपास से टाउनशिप तक सड़क किनारे बिजली के खंभे लगाए जिसपर अपनी टाउनशिप का विज्ञापन तो लगाया ही साथ ही कोई आपत्ति नहीं ले इसलिए म.प्र. सरकार के मंत्री व क्षेत्र के विधायक तुलसी सिलावट (जिन्हें प्यार से लोग भिया बोलते हैं) का हाथ जोड़ता फोटो भी चिपका डाला। यही नहीं प्रदेश में सत्ता संभालने वाली पार्टी भाजपा का चुनाव चिह्न कमल भी ट्रेजर सिटी के विज्ञापन के साथ खिल रहा है। हालांकि इसमें टाउनशिप संचालक एक गलती कर गया जिसमें ग्राम पंचायत सुलाखेड़ी के नाम का जिक्र कमल के नीचे कर दिया।

म.प्र. में ग्राम पंचायते किसी राजनीतिक पार्टी के अधीन नहीं होती है जिससे टाउ​नशिप संचालक द्वारा कमल के निशान के ​नीचे लिखा गया ग्राम पंचायत सुलाखेड़ी भी विवाद में आ गया है। इसके अलावा सरकारी सड़क पर बिजली के खंभे लगाकर अपने विज्ञापन लगभग दो किलोमीटर क्षेत्र में लगाना भी विवादों में है। खास बात तो यह है कि दो महीने पहले बिजली के खंभे लगा तो दिए लेकिन अभी तक लाइट्स शुरू नहीं हुई यानि गांव की भोली-भाली जनता को बिजली की रोशनी के नाम पर धोखा दिया जा रहा है। बात यदि ट्रेजर सिटी को लेकर करें तो लगभग 90 एकड़ में विकसित होने वाली इस टाउनशिप के डेढ़ सौ प्लॉट्स बुक होने की बात टाउनशिप से जुड़े लोग कर रहे हैं। ये प्लॉट्स तब बेचे जाना बताया जा रहा है जब रेरा से टाउनशिप को अप्रूवल ही नहीं मिला है हालांकि यह मामला रेरा व जिला प्रशासन का है जिसकी जांच कर कार्रवाई की जाए तो जमीन से भी घोटाला बाहर आ जाएगा।

55 लाख रुपये किये खर्च

विहान हिंदुस्तान डॉटकॉम ने ट्रेजर सिटी टाउनशिप के संबंध में टाउनशिप से जुड़े ​स्टाफ टीकम कटरे से बात की। जब उनसे बिजली के खंभों पर विज्ञापन लगाए जाने की बात पूछी गई तो उनका कहना था हमने ​ग्राम पंचायत में 55 लाख रुपये जमा किये हैं तब ये खंभे लगाए गए हैं। मंत्री तुलसी सिलावट व भाजपा के चुनाव चिह्नों को लेकर टीकम का कहना था हमसे जो कहा गया वह हमने किया। ग्राम पंचायत से मिलने वाली 55 लाख रुपये की रसीद को लेकर उनका कहना था हमने रसीद नहीं ली। यदि टाउनशिप संचालक ने बिजली के खंभे लगाएं है तो उसकी अनुमति भी प्रशासन उससे मांग सकता है। ..और यदि अनुमति नहीं मिली तो खंभे किसके खर्च पर लगे यह सामने आना चाहिए। एक बात यह भी है कि बिजली के खंभे तो लगा दिये लेकिन हर महीने आने वाले बिजली के बिल का भुगतान कौन करेगा यह भी स्पष्ट नहीं है।    

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