विहान हिंदुस्तान न्यूज


करोना काल के दौरान पढ़ाई में हुए व्यवधान को देखते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विभिन्न विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों की भर्ती के लिए निर्धारित योग्यताओं में बदलाव किया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने घोषणा की है कि यूजीसी ने अब असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए पीएचडी की आवश्यकता को हटा दिया है। हालांकि यह छूट अगले दो सालों के लिए दी गई है। मध्यप्रदेश में अगले दो सालों में करीब डेढ़ से दो हजार सहायक प्राध्यापकों के पदों पर भर्ती होना है जिसका फायदा हजारों छात्रों को मिल सकेगा यानी वे भी आवेदक के रूप में पात्र माने जाएंगे।
यूजीसी ने जुलाई 2023 तक के लिए सहायक प्राध्यापकों की भर्ती परीक्षा के लिए पीएचडी की छूट दी है। इसके बाद पुन: पीएचडी के बिना भर्ती नहीं किए जाने के नियम लागू हो जाएंगे। देश के अनेकों हिस्सों में चल रही कई यूनिवर्सिटियों में सहायक प्राध्यापकों के पद इसलिए रिक्त पड़े हैं क्योंकि उन्हें पीएचडी किए कैंडिडेट नहीं मिल रहे हैं। यूजीसी की पीएचडी को लेकर नई गाइडलाइन का असर मध्यप्रदेश में पड़ना है। यहां हजारों आवेदक इसलिए पात्र हो जाएंगे क्योंकि पीएचडी की पात्रता समाप्त कर दी गई है। मिली जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में संभवत: अगले महीने बैकलाग के पदों पर भर्ती होना है। ये करीब 500 पद निकलना है। इसके बाद लगभग 900 पदों पर भर्तियां होना है जिसमें सामान्य वर्ग के लिए भी कई पद रहेंगे। इस भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर आय वर्ग के लिए भी पद आरक्षित रहेंगे। उच्च शिक्षा विभाग में पहली बार इस वर्ग के लोगों की भर्ती की जाएगी। पीएचडी की पात्रता समाप्त होने से इस वर्ग में काफी आवेदन आने की संभावना रहेगी।

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