वैक्सीन के माध्यम से पाकिस्तान में दखल देगा भारत !

बंटवारे के बाद से ही पाकिस्तान अपनी दुश्मनी भारत के खिलाफ निभाते आया है। यह सिलसिला 72 साल बाद आज भी जारी है। भारत ने हर तरह से उसे समझाने के प्रयास किए लेकिन हर प्रधानमंत्री इस कार्य में असफल ही साबित हुआ है। इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े करके बांग्लादेश को आजाद करवाने में अहम भूमिका अदा की तो अटल बिहारी वाजपेयी ने रेल व बस चलवाकर भारत की दोस्ती का इजहार किया। नरेंद्र मोदी खुद प्रधानमंत्री बनने के बाद बिना किसी आमंत्रण के पाकिस्तान पहुंच गए थे लेकिन उसका भी कोई फायदा नहीं हुआ।

अब मोदी सरकार कुछ अलग ही रणनीति अपना रही है ताकि पाकिस्तान सही रास्ते पर आ जाए। मिली जानकारी के अनुसार रणनीति की शुरुआत वैक्सीन से शुरू हो गई है। भारत पाकिस्तान को वैक्सीन देना तो चाहता है लेकिन इमरान खान सरकार से वह आगे रहकर मांग पत्र चाह रही है। पाकिस्तान मांग पत्र इसलिए नहीं दे रहा क्योंकि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत द्वारा की गई मदद नहीं दिखाना चाहता है। हालांकि पाकिस्तान के कई लोग चीन में वैक्सीन की बजाय भारत द्वारा बनाई गई वैक्सीन पर ज्यादा विश्वास कर रहे हैं। वे खुलकर कह भी रहे हैं चीन का सामान नकली रहता है जिससे उन्हें चीन की वैक्सीन पर विश्वास नहीं है। चीन ने पाकिस्तान को अब तक पांच लाख वैक्सीन के डोज दिए हैं। ब्रिटेन ने पाकिस्तान को 2.80 लाख वैक्सीन देने का वादा किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन 56 लाख खुराक मार्च के अंत तक पाकिस्तान पहुंचा देगा। तकरीबन 22 करोड़ की आबादी वाले पाकिस्तान में सरकार ने आधी आबादी को मुफ्त में वैक्सीन लगाने की बात तो कही है लेकिन वह कितने लोगों को इसका लाभ दे पाएगा यह तय नहीं है। भारत इसी मौके के इंतजार में है कि पाकिस्तान अपने दोस्तों से इस मुश्किल समय में मदद लेकर देख ले। चीन ने जो पांच लाख वैक्सीन दी है उसे ही लोग लगाने से डर रहे हैं जबकि ब्रिटेन की वादे वाली वैक्सीन कब तक पाकिस्तान पहुंचेगी इसका पता नहीं है। भारत ने पाकिस्तान के कोटे की वैक्सीन रख रखी है लेकिन यह तभी उसे पहुंचाई जाएगी जब वह मांग करेगा। संभव है कुछ दिनों में जब पाकिस्तान की जनता ही सरकार पर भारत से वैक्सीन लेने का दबाव डालेगी तब इमरान खान को मांग पत्र भेजने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। लोगों ने भारत की वैक्सीन लगाने की मांग शुरू कर दी है और जल्द ही यह आंदोलन का रूप भी ले सकती है। पाकिस्तान के लोगों का मानना है कि भारत और पाकिस्तान के लोगों के बीच शारीरिक समानता है और भारत की वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स नहीं आ रहे हैं। चीन से मिला सामान नकली ही माना जाता है इसलिए यहां की वैक्सीन तो पाकिस्तानी लगवाना ही नहीं चाहते। ब्रिटेन में लोगों का शारीरिक स्तर कुछ अलग है जिससे वहां की वैक्सीन को भारत के बाद नंबर दो पर ही लोग रख रहे हैं।

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