सिंहस्थ में सेवा करके उलझा अग्रवाल समाज, मूल से ज्यादा ब्याज में देना पड़ेंगे रुपये..लगभग 50 लाख रुपये का अतिरिक्त भुगतान करना होगा


मुनीष शर्मा, विहान हिंदुस्तान न्यूज
उज्जैन में सिंहस्थ 2016 में अग्रवाल समाज द्वारा जनता को मुफ्त में पानी पिलाने की सेवा भारी पड़ रही है। उस समय समाजजन की चार समितियों द्वारा मेसर्स प्रोटेक एक्वा सोल्युशन प्रा.लि. इंदौर से 138 वॉटर कूलर लिए गए थे। तब पेमेंट का एक पेंच ऐसा फंसा जिसका फैसला हाल ही में मध्यप्रदेश सूक्ष्म और लघु उद्योग फेसिलिटेशन काउंसिल ने किया। फैसले के तहत करीब 18.85 लाख रुपये की राशि इन समितियों को ब्याज सहित मेसर्स प्रोटेक एक्वा सोल्युशन को देना है। यदि समय पर भुगतान नहीं किया गया तो चक्रवर्ती ब्याज लगाकर राशि प्राप्त करने का अधिकार मेसर्स प्रोटेक एक्वा सोल्युशन को होगा। अब समाजजन इस दुविधा में है कि क्या करें हालांकि उनका कहना है हमारी बात काउंसिल द्वारा सुनी नहीं गई और फैसला दे दिया गया है। हमें तो खुद मेसर्स प्रोटेक एक्वा सोल्युशन से 15 लाख रुपये की वसूली करना है। उधर, मेसर्स प्रोटेक एक्वा सोल्युशन्स प्रा.लि. के संचालक किशोर बुंदेला का आरोप है कि अग्रवाल पंचायत न्याय व सिंहस्थ समिति के पदाधिकारी भ्रष्ट हैं। उन्होंने न सिर्फ अपने समाज के लोगों के साथ बल्कि कई कर्मचारियों के साथ भी धोखा किया है। समाज से 400 वाटर कूलर का पैसा लिया और यहां 138 ही लगवाए। जिन कर्मचारियों को इन्होंने सिंहस्थ में काम पर रखा उनमें से कईयों के वेतन भी ये हजम कर गए।
विहान हिंदुस्तान डॉटकॉम को मिली जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश सूक्ष्म और लघु उद्योग फेसिलिटेशन काउंसिल ने जो फैसला दिया है उसमें ्अग्रवाल पंचायत न्याय उज्जैन द्वारा अध्यक्ष अग्रवाल धर्मशाला गोलामंडी, अग्रवाल समाज सिंहस्थ समिति फव्वारा चौक उज्जैन, अग्रवाल समाज सिंहस्थ समिति अशोक गर्ग (अध्यक्ष) उज्जैन तथा अग्रवाल समाज सिंहस्थ समिति शैलेंद्र गर्ग (महासचिव) उज्जैन को ब्याज सहित राशि जमा कराना है। मामले के तहत सिंहस्थ में इन समितियों ने मेसर्स प्रोटेक एक्वा सोल्युशन से 138 वाटर कूलर लिए थे। एक वाटर कूलर की कीमत 35 हजार रुपये थी। ये वाटर कूलर मेला क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर लगाना थे। अन्य सामग्रियों को मिलाकर मेसर्स प्रोटेक एक्वा सोल्युशन को 68, 21, 935 रुपये लेना थे। समाज की समितियों द्वारा 49, 36000 रुपये का भुगतान किया गया। बची हुई राशि को लेकर विवाद खड़ा हो गया। यह विवाद काउंसिल पहुंचा जहां से अग्रवाल समाज की समितियों को राशि जमा कराए जाने के आदेश हुए।
आईएसआई मार्का के नहीं थे कूलर, हमें धोखे में रखा गया
विहान हिंदुस्तान डॉटकॉम ने अग्रवाल समाज सिंहस्थ समिति के अध्यक्ष अशोक गर्ग से जब इस संबंध में बात की तो उनका कहना था काउंसिल के समक्ष मैं स्वयं भी उपस्थित हुआ लेकिन हमारी बात को सुना ही नहीं गया। असल में हमारे और मेसर्स प्रोटेक एक्वा सोल्युशन प्रा.लि. के बीच 135 वाटर कूलर लेने का अनुबंध हुआ था। अनुबंध में ट्रे व स्टेंड भी शामिल थे लेकिन कंपनी ने ये उपलब्ध नहीं कराए। जब वाटर कूलर आए तो वे आईएसआई मार्का के नहीं थे जिसपर हमने आपत्ति ली। तय यह हुआ कि हर वाटर कूलर की राशि 10 हजार रुपये कम की जाएगी लेकिन बिल में उसने पूरी राशि ही लगा दी। इसके अलावा जीएसटी व अन्य टैक्सों को लेकर भी विवाद था जिसे काउंसिल ने नहीं सुना। उसने स्टालेशन के साथ वहां रहने व खाने-पीने का पैसा भी जोड़ लिया जबकि हमने उसे रहने की जगह दी व खाना खुद खिलवाते थे। स्टालेशन का पैसा नहीं लिए जाने की बात पहले ही उससे हो गई थी। मेसर्स प्रोटेक एक्वा सोल्युशन प्रा.लि. के संचालक किशोर बुंदेला हैं जिन्होंने डेमो मशीन सहित तीन मशीनों के पैसे बिल में जोड़े जबकि ये मशीन हमें मिली ही नहीं। हमने पूरा मामला उपभोक्ता फोरम में भी लगा रखा है जिसकी जानकारी काउंसिल को दी लेकिन सुनवाई नहीं हुई। किशोर बुंदेला ने हम लोगों के लिए एससी-एसटी एक्ट में भी शिकायत कर दी जिसे लेकर हम अलग परेशान हैं।

दस्तावेज देखकर ही न्यायालय ने मेरे पक्ष में फैसला दिया
मेसर्स प्रोटेक एक्वा सोल्युशन प्रा.लि. के संचालक किशोर बुंदेला ने विहान हिंदुस्तान डॉटकॉम को बताया मेरे पास एक-एक दस्तावेज है। अग्रवाल पंचायत न्याय व सिंहस्थ समिति के पदाधिकारियों ने न सिर्फ अपने समाज के लोगों को धोखा दिया बल्कि सिंहस्थ के नाम पर बड़े घोटाले किए हैं। इनके 80 लाख रुपये के परमल एक छोटा हाथी गाड़ी में आ गए तो आप समझ सकते हैं कितनी सेवा ये करना चाहते थे। वाटर कूलर आईएसआई मार्का के होने की बात ही हमारे अनुबंध पत्र में नहीं थी तो मैं कहां से देता। बात यदि वाटर कूलर के अनुबंध की ही करें तो समाज को सिंहस्थ समाप्त होने के बाद इन वाटर कूलरों को दान में देना था लेकिन इन पदाधिकारियों ने उसका क्या किया जरा उनसे पूछिये। न्यायालय ने मेरे पक्ष में निर्णय तभी दिया जब उन्होंने मेरे दस्तावेज सही पाए। मैं उपभोक्ता फोरम में भी केस जीतूंगा क्योंकि मैं सही हूं।

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