ऊंचे लोग, ऊंची पसंद : चुनाव यशवंत क्लब के ..
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दोनों अध्यक्षों, प्रत्याशियों पर नजर रखने व इतिहास खंगालने वाले भी सक्रिय हो गए
••• क्लब के चुनाव में डेली कॉलेज वाली लड़ाई, होटल वाले किस्से, पुलिस कमिश्नर से शिकायत भी चर्चा में
कीर्ति राणा, विहान हिंदुस्तान न्यूज
शहर के आम लोगों में नगर निगम चुनाव की चर्चा भले ही उतनी नहीं हो लेकिन शहर के खास तबके में यशवंत क्लब के चुनाव, पेनलबाजी, पर्चे बाजी के साथ पुराने झगड़े भी चर्चा में हैं। ऊंचे लोग, ऊंची पसंद की नजर से देखे जाने वाले यशवंत क्लब के चुनाव में एक बार फिर अध्यक्ष पद के पारंपरिक प्रतिद्वंदी आमने-सामने हैं। अभी चार साल से परमजीत (पम्मी) छाबड़ा अध्यक्ष हैं। अब वे फिर मैदान में हैं। उनके सामने हैं टोनी सचदेवा।
पिछला अध्यक्ष चुनाव सचदेवा हार चुके थे।अध्यक्ष का कार्यकाल होता है दो साल का लेकिन दो साल कोराना के कारण चुनाव नहीं होने से चार साल बाद हो रहे चुनाव में पहले लग रहा था कि इस बार छाबड़ा को कोई चुनौती नहीं मिलेगी लेकिन फिर से सचदेवा सामने आ गए। अब दोनों की पेनल मैदान में हैं। पिछले चुनाव में3900 मतदाता थे जो अब बढ़ कर 4500 से अधिक हो गए हैं।निर्वाचन अधिकारी विजय गोयल की देखरेखमें 19 जून को सुबह 10 से शाम 4 बजे तक मतदान होना है।
छाबड़ा पेनल के प्रत्याशी
अध्यक्ष परमजीत सिंह छाबड़ा
सचिव शेंकी(सुदीप) भंडारी
संयुक्त सचिव अतुल सेठ
कोषाध्यक्ष विजय कस्तूरी
प्रबंध समिति के पांच सदस्य हैं
अनिमेष सोनी
नितेश गुप्ता
शिखर वर्मा
मनीष म्हसे
डॉ मनोज पहाड़िया
सचदेवा पैनल के प्रत्याशी
अध्यक्ष टोनी सचदेवा (पिछली बार पराजित)
सचिव संजय गोरानी
संयुक्त सचिव सुरभि मनोचा चौधरी
कोषाध्यक्ष आदित्य उपाध्याय
प्रबंध समिति के पांच सदस्य
संदीप जैन
नीतेश दानी
रुपल पारिख
नितिन कूलवाल
शैलेंद्र खरे
पिछले चुनाव में भी जीते थे
शेंकी (सुदीप) भंडारी-संयुक्त सचिव
(छाबड़ा पेनल)
सुरभि मनोचा सदस्य और रुपल पारिख सदस्य मैनेजिंग कमेटी(सचदेवा पैनल)
यशवंत क्लब : मेंबर का गणित
अभी हैं सदस्य हैं 4750
चार साल पहले 3900
मतदान करते हैं करीब 2800
मतदान है 19 जून को
मतदान करने वाले सदस्यों के साथ पैनलों के प्रत्याशियों ने पार्टी के दौर भी शुरु कर दिए हैं। मतदान होना है : 19 जून को
समय रहेगा : सुबह 10 से शाम 4 तक
निर्वाचन अधिकारी : विजय गोयल मतदान प्रक्रिया सम्पन्न कराएंगे।
सिलसिला शिकायत–पर्चेबाजी
यशवंत क्लब चुनाव का पिछले कुछ सालों का इतिहास रहा है कि बिना पर्चेबाजी, शिकायत, पीने-पिलाने की पार्टी में विवाद आदि के बिना चुनाव हो ही नहीं पाते थे।पिछले चुनाव में रसूखदार सदस्यों की एक नजदीकी महिला मित्र की आत्महत्या को लेकर हुई पर्चेबाजी में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, विधायक सहित कुछ उद्योगपतियों के नाम उछले थे। इस बार के चुनाव में भी यही सब शुरु हो गया है।प्रशासनिक दखल के बाद डेली कॉलेज गवर्निंग बॉडी में हुए बदलाव से अपमानित महसूस करने वाले-इस क्लब के भी सदस्य वहां की लड़ाई को यहां भी मुद्दा बना चुके हैं। यही नहीं एक पांच सितारा होटल में पुरुष-महिला सदस्य की सहज मुलाकात को असहज स्थिति वाली बताने से खफा सदस्य ने पुलिस कमिश्नर को कुछ सदस्यों पर चरित्र हनन का आरोप लगाते हुए नामजद शिकायत भी कर दी है।