खरगोन दंगे के आरोपी एआईएमआईएम प्रत्याशी यासिर पठान बढ़ाएंगे संजय शुक्ला की मुश्किलें, भाजपा-कांग्रेस के लिए एक-एक वोट है महत्वपूर्ण

यासिर पठान

मुनीष शर्मा, विहान हिंदुस्तान न्यूज

म.प्र. विधानसभा चुनाव के मतदान की उलटी गिनती शुरू हो गई है। प्रत्याशी भी अपनी-अपनी रणनीति बनाकर मैदान में उतर चुके हैं। इस बार इंदौर विधानसभा क्षेत्र 1 पर सभी की नजरें हैं और यहां आने वाले कुछ दिनों में जमकर विवाद होने की भी संभावनाएं नजर आ रही है। वैसे भी आज कांग्रेस नेता कमलनाथ का एक पोस्टर विधानसभा में लगा मिला जिसमें उन्हें पंजाब में आतंकवाद का जनक बताया गया है। इस विधानसभा में कांग्रेस ने संजय शुक्ला को तो भाजपा ने अपने राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को उम्मीदवार बनाया है। दोनों ही पार्टियों के लिए वर्तमान की स्थिति को देखते हुए एक-एक वोट महत्वपूर्ण हैं। कांग्रेस के लिए मुश्किलें असदुद्दीन ओवेसी की पार्टी एआईएमआईएम के उम्मीदवार यासिर पठान बढ़ा सकते हैं।

यासिर पठान के बारे में आपको बता दें कि खरगोन में रामनवमी पर हुए दंगों के वे आरोपी हैं जिसे जिलाबदर किया गया था। मिली जानकारी के अनुसार इंदौर में प्रचार के लिए यासिर को न्यायालय से अनुमति मिल गई है जिससे ये उम्मीदवार अब जोरदार प्रचार-प्रसार में लग गया है। यासिर पठान संजय शुक्ला के लिए इसलिए मुश्किलें बढ़ा सकता है क्योंकि मुस्लिम बहुल क्षेत्र में एआईएमआईएम कुछ वोट तो ले ही आती है। यदि विधानसभा क्षेत्र 1 में देखेंगे तो यहां वार्ड 2 यानी चंदननगर में ही 19 हजार मतदाता हैं। पूरे विधानसभा में 40,000 से ज्यादा मु​स्लिम वोटर्स बताए जा रहे हैं। अभी तक जो देखा जाता रहा है उसमें मुस्लिमों का रूझान भाजपा के खिलाफ ही रहता है जिससे इनके अधिकांश वोट कांग्रेस में ही जाते हैं। उत्तर प्रदेश में ये वोट समाजवादी पार्टी-बहुजन समाजवादी पार्टी में ज्यादा जाते हैं क्योंकि कांग्रेस वहां काफी कमजोर है। यासिर पठान के लिए संभावना यह भी जताई जा रही है कि असदुद्दीन ओवेसी या उनके भाई प्रचार करने आ सकते हैं। ओवेसी बंधुओं के बारे में यह कहा जाता है कि वे मतदाताओं को खासकर मुस्लिम मतदाताओं को अपनी तरफ आकर्षित करने में कुछ तो सफल हो ही जाते हैं। वैसे भी इजरायल-हमास की जंग का मुद्दा छाया हुआ है जिससे बोलने के लिए इन ओवेसी भाईयों के पास मसाला भी काफी होगा। ऐसे में जितने भी वोट एआईएमआईएम प्रत्याशी के खाते में गिरेंगे उतना ही नुकसान कांग्रेस को होगा। वैसे कांग्रेस के मुस्लिम कार्यकर्ता भी पूरा जोर लगा रहे हैं और एआईएमआईएम को भाजपा की बी टीम बताने के प्रयास कर रहे हैं। बुरहानपुर महापौर चुनाव का भी ये उदाहरण दे रहे हैं जिसमें कांग्रेस का प्रत्याशी इसलिए जीत नहीं सका क्योंकि एआईएमआईएम प्रत्याशी के कारण कांग्रेस के वोट कट गए और महापौर पद भाजपा के पास चला गया। मतदान के दौरान चंदननगर क्षेत्र में विवाद की काफी संभावनाएं नजर आ रही है जिससे प्रशासन को विशेष रूप से यहां ध्यान रखना होगा।

चंदननगर क्षेत्र में प्रचार करते यासिर पठान

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