योगी की पुलिस का निशाना – 8 अपहरणकर्ताओं को पैर में एक ही जगह लगी गोली…

मृतक सुभान

विहान हिंदुस्तान न्यूज

कुछ सालों पहले उत्तर प्रदेश की पुलिस के पास बंदूक या पिस्टल चलाने के लिए गोलियां नहीं होती थी और वे अपराधियों को पकड़ने के लिए मुंह से ठायं..ठायं की आवाज निकालते थे। हाल ही के कुछ सालों में सीन पूरा बदल गया है और अब ये पुलिसवाले ऐसे निशाने लगाते हैं कि अपराधी भी हैरान रह जाते हैं। ताजा घटनाक्रम देखें तो एक बच्चे के अपहरण में शामिल 8 अपहरणकर्ताओं को पुलिस ने एनकाउंटर के दौरान पैर में इतने सधे निशाने से गोली मारी कि सभी को एक स्थान पर ही लगी, यह बात अलग है कि किसी को दाएं पैर में तो किसी को बाएं पैर में जख्म हुआ। ये गोली घुटने के ठीक नीचे लगी है। हालांकि अपहरणकर्ताओं ने जिस बच्चे का किडनैप किया था वह अपहरणकर्ताओं के कारण मारा गया। उसे बैग में बंद करके कार की डिक्की में रखा गया था जिससे आक्सीजन न मिलने के कारण उसकी मौत हो गई। पुलिस ने रियाज उर्फ मुन्ना, अवधेश कुमार, दीपक गुप्ता, अंकित, शोभन यादव, जतिन दिवाकर, रवि और आशीष को सुभान के अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया है। लोग बोल रहे हैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस के निशाने ऐसे सटीक कर दिए हैं कि अपराधियों की खैर नहीं है।

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

23 मार्च को उत्तर प्रदेश के औरेया जिले के एरवा कटरा में सराफा कारोबारी शकील के बेटे सुभान (13) का अपहरण हुआ। वह अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने गया था लेकिन जब शाम तक घर नहीं लौटा तो परिजनों ने पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने छानबीन शुरू की तो उसे शकील के पास में रहने वाले रियाज उर्फ मुन्ना पर शक गया। मुन्ना अपने घर से गायब था। पुलिस ने मुन्ना के बारे में जानकारी ली तो उसके तीन अन्य दोस्तों के सुराग मिले जो अपने घर से नदारद थे। पुलिस ने इनके मोबाइल डिटेल खंगाले तो पता चला मुन्ना दिल्ली की तरफ गया है। पुलिस ने उसके दोस्तों की लोकेशन निकाली तो पता चला वे नोएडा और बुलंदशहर होते हुए बाहरी दिल्ली की तरफ जा रहे हैं। औरेया पुलिस ने तुरंत ही नोएडा पुलिस और फिर दिल्ली पुलिस से संपर्क कर उन्हें जानकारी दी।

मोबाइल लोकेशन पर पहुंचे तो पकड़ाएं बदमाश..

औरेया पुलिस से जानकारी मिलते ही दिल्ली पुलिस ने भी अपना काम शुरू कर दिया। उसने जो लोकेशन ट्रेस की वह दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके की थीं। इस दौरान औरेया पुलिस की टीम भी दिल्ली पहुंच गई और दिल्ली पुलिस को साथ लेकर लोकेशन पर पहुंची। इत्तेफाक ऐसा हुआ कि चारों ही कार में बैठे थे। इसमें अवधेश व उसके तीन अन्य साथी थे। पुलिस ने चारों को पकड़ लिया। अवधेश से जब पूछताछ की गई तो पता चला मुन्ना ने अवधेश गैंग को ही सुभान को सौंप दिया था। सुभान को कार की डिक्की में एक बैग में बंद करके रखा था। पुलिस ने जब डिक्की खोली तो बैग मिला जिसमें सुभान था। उसके हाथ-पैर बांधे गए थे। उसे तुरंत ही अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

अवधेश से मुन्ना को फोन कराया गया और फिर…

अवधेश और उसके तीनों साथियों को लेकर औरेया पुलिस रवाना हुई। ये औरेया जा रहे थे तो रास्ते में पूछताछ पर अवधेश ने बताया कि मुन्ना और उसके साथी औरेया में ही कहीं छिपे हुए है। पुलिस ने अवधेश से मुन्ना को फोन लगवाया। अवधेश ने उसे एरवा कटरा के जंगल में बुलाया जहां फिरौती की रकम ली जाना थी। बाद में जंगल में क्या हुआ यह आप समझ सकते हैं लेकिन पुलिस जो कह रही है वह भी आप जान लें। पुलिस का कहना है हम जब अवधेश व उसके साथियों को लेकर जंगल में पहुंचे तो मुन्ना और उसके साथी वहां पहले से ही मौजूद थे। इन्होंने पुलिस पर गोलियां दागना शुरू कर दी जिसके बाद अवधेश और उसके साथी पुलिस गिरफ्त से छूटकर भाग गए। बाद में पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए इन्हें पकड़ा लिया।

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